Sprouts Health Risks – फिटनेस फ्रिक्स के बीच सुपरफूड के तौर पर मशहूर स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) सेहत के लिए गंभीर खतरा भी बन सकते हैं। डाइटीशियन और यूएस एफडीए की रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें उगाने के लिए जरूरी नमी और तापमान जानलेवा बैक्टीरिया के पनपने का भी कारण बनता है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई अपनी फिटनेस को लेकर सजग है। इसी फिटनेस की चाह में लोग स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज को अपनी डाइट का अहम हिस्सा बनाते हैं। यह सच है कि स्प्राउट्स प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का खजाना होते हैं।
इनसे न सिर्फ शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है, बल्कि यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यही कारण है कि हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे सलाद, सैंडविच या अन्य तरीकों से खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेहत का यह खजाना कभी-कभी बीमारी का कारण भी बन सकता है?
‘सेहत के लिए वरदान या अभिशाप?’
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, स्प्राउट्स को डाइट में शामिल करते समय अगर थोड़ी सी भी लापरवाही बरती जाए, तो यह सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती है। मूंग, मसूर, चना, मेथी, सोयाबीन, गेहूं, रागी या राजमा जैसे बीजों को अंकुरित करके खाया जाता है, जो पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं।
लेकिन खतरा इनके अंकुरण की प्रक्रिया में छिपा है। स्प्राउट्स बीजों को घंटों पानी में भिगोने और फिर उचित नमी और तापमान में रखने के बाद तैयार होते हैं। यही वह स्थिति है जहां से समस्या शुरू होती है।
‘बैक्टीरिया के लिए आदर्श माहौल’
डाइटीशियन बताते हैं कि स्प्राउट्स के अंकुरण के लिए जिस गर्म और नम वातावरण की जरूरत होती है, वही वातावरण हानिकारक बैक्टीरिया के पनपने के लिए भी आदर्श होता है। इस दौरान साल्मोनेला (Salmonella), ई. कोलाई (E. coli) और लिस्टीरिया (Listeria) जैसे खतरनाक बैक्टीरिया आसानी से विकसित हो सकते हैं।
अगर स्प्राउट्स को खाने से पहले बहुत अच्छी तरह से धोया नहीं गया या उन्हें सही तरीके से स्टोर नहीं किया गया, तो बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
विश्लेषण (Analysis):
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर इस मुद्दे की गहराई को समझना जरूरी है। स्प्राउट्स का खतरा इसलिए ज्यादा बड़ा है क्योंकि इसे अक्सर कच्चा या अधपका ही खाया जाता है। पकाने की प्रक्रिया में आमतौर पर बैक्टीरिया मर जाते हैं, लेकिन कच्चे सेवन से वे सीधे हमारे पाचन तंत्र में पहुंच जाते हैं। यह सुपरफूड की आड़ में छिपा एक ऐसा जोखिम है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, खासकर फिटनेस के नए-नए शौकीनों द्वारा, जो इसे केवल फायदों से जोड़कर देखते हैं।
‘यूएस एफडीए की चौंकाने वाली रिपोर्ट’
इस खतरे की पुष्टि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की एक रिपोर्ट भी करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही स्प्राउट्स में विटामिन, प्रोटीन, फोलेट, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हों, लेकिन अंकुरण के दौरान हानिकारक बैक्टीरिया पनपने का जोखिम बना रहता है।
एफडीए के अनुसार, अगर बीज के अंदर या बाहर कहीं भी थोड़ा सा भी हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद है, तो अंकुरित होने की प्रक्रिया के दौरान उनकी संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलता है।
‘घर पर उगाना भी सुरक्षित नहीं’
कई लोगों को लगता है कि बाजार के बजाय घर पर स्प्राउट्स उगाना सुरक्षित है। लेकिन रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अगर आप घर पर भी इन्हें उगाते हैं, तब भी इस खतरे को पूरी तरह कम नहीं किया जा सकता।
गलत तरीके से स्टोर किए गए या बिना ठीक से धुले स्प्राउट्स खाने से फूड पॉइजनिंग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन और पाचन संबंधी अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह सीधा आम आदमी की सेहत पर हमला है, जो इसे सेहतमंद समझकर खा रहा है। इसलिए, इस सुपरफूड का सेवन करते समय अत्यधिक सावधानी बरतना जरूरी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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स्प्राउट्स सुपरफूड हैं, लेकिन लापरवाही बरतने पर सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
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अंकुरण के लिए जरूरी गर्म और नम वातावरण में ई. कोलाई और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया पनपते हैं।
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डाइटीशियन और यूएस एफडीए के अनुसार, इन्हें सही से न धोने और स्टोर न करने पर फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है।
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घर पर उगाए गए स्प्राउट्स में भी बैक्टीरिया संक्रमण का जोखिम बना रहता है, यह पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।






