SIM Card New Rules 2025 क्या आपके नाम पर कोई ऐसा सिम कार्ड एक्टिव है जिसे आप इस्तेमाल ही नहीं कर रहे? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने एक बेहद अहम और सख्त क्लेरिफिकेशन जारी किया है, जो सीधे तौर पर आम मोबाइल यूजर्स से जुड़ा है।
अब अगर आपके नाम पर रजिस्टर्ड किसी सिम का इस्तेमाल किसी भी अवैध गतिविधि (Illegal Activity) में होता है, तो जांच की आंच सीधे आप तक आएगी और जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी।
क्यों पड़ी इस सख्ती की जरूरत?
पिछले कुछ महीनों में फर्जी केवाईसी (Fake KYC) के जरिए सिम जारी करने के मामलों में अचानक बाढ़ आ गई है। कई बार आम यूजर्स को पता ही नहीं होता कि उनके दस्तावेजों (Documents) पर कितने एक्स्ट्रा कनेक्शन चल रहे हैं।
इन फर्जी सिम कार्ड्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से स्कैम कॉल्स, फ्रॉड मैसेज और साइबर क्राइम ऑपरेशंस के लिए किया जा रहा है। जांच में एक साफ पैटर्न सामने आया है—कहीं नकली आईडी का इस्तेमाल हो रहा है, तो कहीं पुराने बंद नंबरों को ठीक से क्लोज न किए जाने पर उन्हें फेक वेरिफिकेशन के जरिए दोबारा एक्टिवेट कर लिया जा रहा है।
‘संचार साथी’ पोर्टल पर तुरंत करें चेक
दूरसंचार विभाग (DoT) का संदेश बिल्कुल साफ है—आपको पता होना चाहिए कि आपके नाम पर कितने कनेक्शन एक्टिव हैं। अपनी सुरक्षा के लिए आपको तुरंत ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) पोर्टल पर जाना चाहिए।
यहां लॉग-इन करके आप अपने आईडी पर रजिस्टर्ड सभी नंबरों की लिस्ट देख सकते हैं। अगर इस लिस्ट में आपको कोई भी ऐसा नंबर दिखता है जो आपका नहीं है, तो आप तुरंत वहीं से शिकायत दर्ज कर सकते हैं और उस कनेक्शन को डीएक्टिवेट करवा सकते हैं।
दुकानदारों को डॉक्यूमेंट देते वक्त रहें सतर्क
अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए यह भी जरूरी है कि आप किसी भी अनजान दुकानदार या एजेंट को बिना वजह अपने आईडी डॉक्यूमेंट्स शेयर न करें।
आधार वेरिफिकेशन सिर्फ ऑधिकृत आउटलेट (Authorized Outlet) पर ही कराएं। इसके अलावा, अगर आपका कोई पुराना नंबर अब इस्तेमाल में नहीं है, तो उसे सिर्फ फेंकें नहीं, बल्कि उसका क्लोजर प्रोसेस (Closure Process) पूरी तरह कंप्लीट कराएं ताकि कोई उसका गलत इस्तेमाल न कर सके।
फंस जाएं तो क्या है बचाव का रास्ता?
अगर कभी आपको नोटिस मिलता है कि आपके सिम का मिसयूज हुआ है, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले कनेक्शन की डिटेल्स चेक करें और एक्टिवेशन रिकॉर्ड निकालें।
तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। जांच के दौरान आपके पास यह सबूत होना बेहद जरूरी है कि उस वक्त सिम आप इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। अगर आपने नंबर खो जाने पर एफआईआर (FIR) कराई थी या डीएक्टिवेशन की रिक्वेस्ट डाली थी, तो वे वैलिड डॉक्यूमेंट्स आपके बचाव में सबसे बड़ा हथियार बनेंगे।
डिजिटल हाइजीन का रखें ध्यान
DoT का पूरा जोर अब पहचान और जवाबदेही (Identity Accountability) पर है। इसलिए समय-समय पर अपने एक्टिव कनेक्शन्स को चेक करना आपकी डिजिटल हाइजीन का हिस्सा होना चाहिए।
एक और महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय यह है कि आप अपने आधार बायोमेट्रिक को लॉक रखें। इससे कोई भी चाहकर आपके आधार का ऑथेंटिकेशन नहीं कर पाएगा और आप फर्जी सिम एक्टिवेशन से बच सकेंगे।
‘जानें पूरा मामला’
यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि अपराधी अक्सर दूसरों के नाम पर सिम लेकर ठगी और साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। जब पुलिस नंबर ट्रेस करती है, तो वह किसी निर्दोष व्यक्ति के नाम पर निकलता है। इस नई एडवाइजरी का मकसद लोगों को जागरूक करना है ताकि वे अपने नाम पर चल रहे फर्जी सिम को बंद करवा सकें और कानूनी पचड़ों से बच सकें।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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आपके नाम पर रजिस्टर्ड सिम से अवैध काम होने पर जिम्मेदारी आपकी होगी।
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‘संचार साथी’ पोर्टल पर जाकर चेक करें कि आपके नाम पर कितने नंबर एक्टिव हैं।
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अनजान नंबर दिखने पर तुरंत पोर्टल से ही रिपोर्ट और डीएक्टिवेट करें।
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पुराने नंबरों को हमेशा प्रॉपर प्रोसेस के साथ बंद करवाएं।
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अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अपने आधार बायोमेट्रिक को लॉक करके रखें।






