नई दिल्ली, 28 जुलाई (The News Air)
कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के तौर पर बसवराज बोम्मई ने शपथ ले ली है। वह पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जगह लेंगे। शपथ लेने से पहले बसवराज ने कहा कि उन्हें येदियुरप्पा के लंबे अनुभव का फ़ायदा मिलेगा। यही नहीं शपथ लेने के बाद बोम्मई ने येदियुरप्पा के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। दो दिन पहले ही बीजेपी की स्टेट यूनिट और सरकार में खींचतान के बीच बीएस येदियुरप्पा ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। हालांकि उनके इस्तीफ़े की एक वजह बढ़ती उम्र भी बताई जा रही है। बीएस येदियुरप्पा के क़रीबी कहे जाने वाले बोम्मई को सीएम बनाकर बीजेपी ने पूर्व सीएम और लिंगायत समुदाय दोनों को ही साधने का प्रयास किया है। बोम्मई भी उसी लिंगायत समुदाय से आते हैं, जिससे येदियुरप्पा का ताल्लुक़ था।
बसवराज बोम्मई सीएम पद की शपथ लेने के लिए सुबह 10:30 बजे ही राजभवन पहुंच गए। इस दौरान उनके नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा भी साथ थे। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री और पर्यवेक्षक के तौर पर कर्नाटक पहुंचे धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाक़ात की। बोम्मई को मंगलवार शाम को बीजेपी हाईकमान की ओर से कर्नाटक का नया सीएम घोषित किया गया था। इससे पहले सोमवार को ही येदियुरप्पा ने पद से इस्तीफ़ा दिया था, जिसे गवर्नर ने तत्काल स्वीकार कर लिया था। बोम्मई ने सीएम घोषित होने के बाद कहा कि वह राज्य में ग़रीबों के कल्याण के लिए काम करेंगे और जनहित की सरकार देंगे।
बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह आज ही कैबिनेट की मीटिंग बुलाएंगे। इसके बाद सीनियर अधिकारियों संग बैठक में बाढ़ और कोरोना की स्थिति को लेकर बात करेंगे। बता दें कि येदियुरप्पा ने ऐसे समय में इस्तीफ़ा दिया है, जब राज्य में भारी बारिश के चलते बाढ़ का कहर देखने को मिला है। हालांकि बसवराज ने कोरोना और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के प्रयासों की सराहना की। बसवराज को येदियुरप्पा के क़रीबी नेताओं में शुमार किया जाता है। उनकी नियुक्ति से यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी येदियुरप्पा का प्रभाव कर्नाटक की राजनीति में बना रहेगा।
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