Bangladesh Violence Update: बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा और अराजकता की आग में जल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान हुई उनकी मौत के बाद ढाका से लेकर चटगांव तक स्थिति बेकाबू हो गई है। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा अब केवल राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने एक उग्र ‘भारत विरोधी’ रूप ले लिया है।
सिंगापुर में मौत, ढाका में कोहराम
जुलाई 2024 के विद्रोह के बाद बांग्लादेश की सत्ता विरोधी राजनीति का प्रतीक बने शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजोय नगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान सिर में गोली मारी गई थी। गंभीर हालत में उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, जहां छह दिन जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर जैसे ही ढाका पहुंची, हजारों लोग शाहबाग चौराहे पर जमा हो गए और सड़कों पर कोहराम मच गया।
मीडिया और भारतीय दूतावास बना निशाना
हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा का रुख सीधे तौर पर भारत की ओर मुड़ गया है। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के सबसे बड़े अखबार ‘प्रोथोम आलो’ और ‘डेली स्टार’ के दफ्तरों पर हमला बोल दिया। भीड़ ने तोड़फोड़ की, फर्नीचर बाहर निकाला और आग लगा दी। इन अखबारों को भारत के साथ अच्छे रिश्तों का पक्षधर माना जाता है। हिंसा यहीं नहीं रुकी; चटगांव में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) के बाहर उग्र प्रदर्शन हुआ, जहां भीड़ ने पत्थरबाजी की और “भारतीय आक्रमण को ध्वस्त करो” और “भारत बांग्लादेश छोड़ो” जैसे नारे लगाए।
संपादक का विश्लेषण: खतरे की घंटी
एक वरिष्ठ Editor के तौर पर इस घटनाक्रम को देखें, तो यह बांग्लादेश में पनप रहे गहरे भारत विरोधी सेंटीमेंट का सबूत है। हादी केवल अवामी लीग के विरोधी नहीं थे, बल्कि वे बांग्लादेश की राजनीति में भारतीय हस्तक्षेप के भी कड़े आलोचक थे। उनकी मौत को अब उपद्रवी तत्व एक ‘साजिश’ के रूप में पेश कर रहे हैं, जिससे भारत के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके। मीडिया हाउस पर हमले और दूतावास पर पथराव यह दर्शाता है कि वहां का एक बड़ा वर्ग भारत को अब ‘पड़ोसी’ नहीं बल्कि ‘हस्तक्षेपकारी’ के रूप में देख रहा है, जो कूटनीतिक रिश्तों के लिए एक बड़ा संकट है।
यूनुस ने की शांति की अपील
हालात बिगड़ते देख अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने तत्काल आपात बैठक बुलाई। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। यूनुस ने हादी को ‘जुलाई विद्रोह का निडर योद्धा’ और ‘शहीद’ घोषित किया। सरकार ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही, हत्यारों को जल्द पकड़ने का वादा किया गया है ताकि जनता के गुस्से को शांत किया जा सके।
जानें पूरा मामला
शरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024 में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए छात्र आंदोलन के दौरान उभरे थे। वे भारत और अवामी लीग के गठजोड़ के सख्त खिलाफ थे। 12 दिसंबर को नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी। अब उनके समर्थक यह मान रहे हैं कि यह हत्या भारत समर्थक ताकतों की साजिश है, जिसके चलते पूरे बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर चल पड़ी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा।
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‘प्रोथोम आलो’ और ‘डेली स्टार’ अखबारों के दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़।
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चटगांव में भारतीय उच्चायोग पर पत्थरबाजी, लगे ‘भारत छोड़ो’ के नारे।
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मोहम्मद यूनुस ने हादी को ‘शहीद’ बताया, देश में राष्ट्रीय शोक घोषित।






