Bangladesh Elections Update: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से एक बहुत बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। हिंसा, तख्तापलट और लंबे सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार वहां लोकतंत्र की वापसी की तारीख तय हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने देश में आम चुनावों का बिगुल फूंक दिया है। लेकिन इस ऐलान के साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या भारत में शरण लिए बैठी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वतन वापसी का मौका मिलेगा या उनके लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं?
12 फरवरी 2026 को होगा सियासी संग्राम
बांग्लादेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) नसीरुद्दीन ने आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया है कि देश में 13वां संसदीय चुनाव 12 फरवरी 2026 को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने दुनिया को भरोसा दिलाया है कि बांग्लादेश अब एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। खास बात यह है कि इसी दिन ‘जुलाई चार्टर रेफरेंडम’ (जनमत संग्रह) के लिए भी वोटिंग होगी। यह चुनाव मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए एक निर्णायक मोड़ होगा, जिनके ऊपर अक्सर पाकिस्तान परस्त होने के आरोप लगते रहे हैं।
शेख हसीना और अवामी लीग के लिए ‘नो एंट्री’
चुनाव की तारीखें तो आ गई हैं, लेकिन शेख हसीना के लिए राहें आसान नहीं हैं। वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने शेख हसीना के लिए सजा-ए-मौत (फांसी) का ऐलान किया था। इतना ही नहीं, वर्तमान सरकार ने उनकी पार्टी ‘अवामी लीग’ के चुनाव लड़ने और राजनीतिक गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। पार्टी के कई बड़े नेताओं को अंतरिम सरकार पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ऐसे में यह साफ है कि देश की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक अवामी लीग इस चुनावी रण में हिस्सा नहीं ले पाएगी।
पाकिस्तान और चीन का नया ‘ब्लॉक’
इस चुनावी हलचल के बीच एक बड़ी जियोपॉलिटिकल खिचड़ी भी पक रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत के खिलाफ एक नया ग्रुप या ब्लॉक बनाने की तैयारी में हैं, जिसमें बांग्लादेश को भी शामिल करने की कोशिश हो रही है। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने संकेत दिया है कि पाकिस्तान के साथ किसी ब्लॉक में शामिल होना बांग्लादेश के लिए रणनीतिक रूप से संभव है। यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, हालांकि भारत सरकार लगातार वहां निष्पक्ष चुनाव और स्थिरता की पक्षधर रही है।
जुलाई चार्टर और संविधान में बदलाव
12 फरवरी को सिर्फ सांसदों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि देश की दशा और दिशा बदलने वाला ‘जुलाई चार्टर’ जनमत संग्रह भी होगा। यह एक संवैधानिक सुधार प्रस्ताव है, जिसे नागरिक संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच तैयार किया गया है। इसमें चार अहम मुद्दों पर जनता की राय ली जाएगी:
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भविष्य में चुनाव कैसे होंगे?
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सेना और न्यायपालिका की भूमिका क्या होगी?
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शेख हसीना पर प्रतिबंध जारी रहेंगे या नहीं?
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भ्रष्टाचार और मानवाधिकार से जुड़ी नीतियां कैसी होंगी?
फेक न्यूज से बचने की सलाह
चुनाव आयोग ने इस बार फेक न्यूज को एक बड़ी चुनौती माना है और लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की है। गौरतलब है कि बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना द्वारा मीडिया को दिए गए इंटरव्यू और बयानों को प्रकाशित करने पर भी बैन लगा रखा है।
जानें पूरा मामला
अगस्त 2024 में बांग्लादेश में छात्रों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट हो गया था, जिसके बाद उन्हें जान बचाकर भारत आना पड़ा। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ। तब से लेकर अब तक वहां राजनीतिक स्थिरता का अभाव था। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहले साफ किया था कि हसीना की भारत में मौजूदगी उनकी अपनी इच्छा पर निर्भर है, लेकिन बांग्लादेश लगातार उनकी वापसी का दबाव बना रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को 300 संसदीय सीटों पर आम चुनाव होंगे।
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शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध के कारण चुनाव लड़ने पर रोक है।
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इसी दिन ‘जुलाई चार्टर’ पर जनमत संग्रह भी कराया जाएगा।
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विदेश में रहने वाले बांग्लादेशी 25 दिसंबर 2025 तक ऑनलाइन वोटिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।






