Bageshwar Baba Hindu Rashtra Statement : छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर कदम रखते ही बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू एकता को लेकर बड़ी हुंकार भरी है। भिलाई में आयोजित हनुमंत कथा के लिए पहुंचे शास्त्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आज हिंदू समाज एकजुट नहीं हुआ, तो भारत में भी बांग्लादेश जैसी अराजक स्थितियां पैदा होने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने धर्मांतरण को समाज के लिए कैंसर से भी बड़ा खतरा बताते हुए ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ का नारा बुलंद किया है।
25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की माटी को स्पर्श करते ही आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विरोधियों को कड़ा संदेश दिया और सनातनियों को जगाने का प्रयास किया। भिलाई, जो कि शिक्षा और उद्योग की नगरी है, वहां अगले पांच दिनों तक हनुमंत कथा और दिव्य दरबार का आयोजन होने जा रहा है। इस भव्य आयोजन की जिम्मेदारी वसंत जी, सरोज पांडे और उनकी टीम संभाल रही है। लेकिन कथा शुरू होने से पहले ही बाबा के बयानों ने राज्य के सियासी और सामाजिक पारे को गरमा दिया है।
‘चौराहों पर दिखेंगे बांग्लादेश जैसे हालात’
धीरेंद्र शास्त्री ने एक गंभीर चेतावनी देते हुए कहा कि यह समय हिंदू समाज के लिए परीक्षा की घड़ी है। उन्होंने कहा, “हम भारत में केवल एक ही संदेश देना चाहते हैं कि यदि आप अपने देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति नहीं देखना चाहते, तो यही सही समय है—अभी नहीं तो कभी नहीं।” उनका कहना है कि अगर हिंदू आज एक नहीं हुआ, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत और छत्तीसगढ़ के चौराहों पर भी वही खौफनाक मंजर देखने को मिलेगा जो हाल ही में पड़ोसी मुल्क में देखा गया। उन्होंने कांकेर की घटना का जिक्र करते हुए वहां हिंदुओं द्वारा दिखाई गई एकता की सराहना की, लेकिन साथ ही भविष्य के लिए सतर्क रहने की सलाह भी दी।
धर्मांतरण: कैंसर से भी बड़ा खतरा
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए बागेश्वर सरकार ने इसे देश के लिए ‘कैंसर’ से भी ज्यादा खतरनाक बीमारी बताया। उन्होंने विश्लेषण करते हुए कहा कि धर्मांतरण के मुख्य रूप से तीन कारण हैं— अशिक्षा, अंधविश्वास और आर्थिक तंगी। उन्होंने समाज के समृद्ध हिंदुओं से आह्वान किया कि वे आगे आएं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद करें ताकि कोई भी लालच में आकर अपना धर्म न बदले। शास्त्री ने स्पष्ट किया कि वे पूजा-पाठ के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पूजा के नाम पर जो मतांतरण का खेल चल रहा है, वे उसके सख्त खिलाफ हैं।
जशपुर में चर्च के सामने होगी कथा
जशपुर में बढ़ते धर्मांतरण और चर्चों की संख्या के सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने एक बड़ी चुनौती स्वीकार की। उन्होंने बेबाकी से कहा, “कोई बात नहीं, हम उसी के सामने कथा करेंगे। हमें उनसे कोई बुराई नहीं है, वे भी घर वापसी कर सकते हैं।” उन्होंने ऐलान किया कि जल्द ही जशपुर में भी कथा का आयोजन होगा, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने अपनी टीम को सौंप दी है। उनका संकल्प है कि जब तक भारत ‘हिंदू राष्ट्र’ नहीं बन जाता और धर्मांतरण का यह कुचक्र नहीं रुकता, उनकी यात्राएं अनवरत जारी रहेंगी।
‘मेरा संन्यासी’ पुस्तक का रहस्य
अपने एकांतवास के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 19 साल बाद उन्हें अपने गुरुजी की आज्ञा मिली, जिसके फलस्वरूप उन्होंने ‘मेरा संन्यासी’ नामक एक पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक अगले दो-तीन महीनों में बाजार में आएगी। इसमें उन्होंने एक ऐसी दिव्य चेतना के बारे में विस्तार से लिखा है जो शरीर में न रहकर भी शरीरधारियों के माध्यम से हनुमान जी की भक्ति और सेवा का कार्य करवा रही है।
जानें पूरा मामला
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के भिलाई पहुंचे हैं, जहां वे पांच दिवसीय हनुमंत कथा करेंगे। छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी क्षेत्रों, विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग में धर्मांतरण एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, जो अब शहरी क्षेत्रों तक भी फैल रहा है। कांकेर में हाल ही में हुई घटनाओं और राज्य में धर्मांतरण को लेकर हुए बंद के बीच बाबा का यह दौरा और बयान काफी अहम माना जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Warning: धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हिंदू एक नहीं हुए तो भारत में बांग्लादेश जैसे हालात होंगे।
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Conversion: धर्मांतरण को कैंसर से ज्यादा खतरनाक बताया; कारण- अशिक्षा, गरीबी और अंधविश्वास।
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Jashpur Plan: जशपुर में चर्च के सामने कथा करने और ‘घर वापसी’ कराने का ऐलान।
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New Book: गुरुजी पर आधारित पुस्तक ‘मेरा संन्यासी’ जल्द होगी प्रकाशित।
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Goal: जब तक भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बनता, तब तक यात्राएं जारी रहेंगी।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






