The News Air (चंडीगढ़)- पंजाब में अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल के सियासी सलाहकार अनीश सिडाना ने इस्तीफ़ा दे दिया है। सिडना क़रीब 20 दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ अकाली दल में शामिल हुए थे। सिडाना ने सुखबीर को भेजे इस्तीफ़े में कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने हिंदुओं के विरोध में बयानबाज़ी की है। वह कट्टरपंथियों की लाइन पर चल रहे हैं। इसलिए वह इस पार्टी में नहीं रह सकते।
अकाली दल के लिए यह बड़ा झटका इसलिए है क्योंकि भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पहले ही उनके पास कोई बड़ा हिंदू चेहरा नहीं है। अकाली दल की छवि भी सिखों की पंथक पार्टी की रही है। ऐसे में हिंदू चेहरे का साथ छोड़ना अकाली दल के लिए और नुक़सानदेह साबित होगा।
कुछ बड़े अकाली नेता कट्टरपंथियों को ख़ुश कर रहे
सुखबीर को भेजे इस्तीफ़े में सिडाना ने कहा कि अकाली दल जॉइन करते वक़्त उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह पंजाब के लिए काम करेंगे। ख़ास तौर पर कमज़ोर तबक़े के हिंदुओं के लिए, जो पंजाब में अल्पसंख्यक की तरह हैं। इसके बावज़ूद पिछले कुछ दिनों में अकाली दल के बड़े नेता एंटी हिंदू बनकर काम कर रहे हैं। वह कट्टरपंथियों को ख़ुश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मणिशंकर अय्यर और सलमान ख़ुर्शीद जैसे नेताओं के हिंदू विरोधी रवैये की वजह से कांग्रेस छोड़ी थी।
हिंदू वोट बैंक के लिए शहरी क्षेत्र में लगाई थी ड्यूटी
अनीश सिडाना प्रदेश में बड़े हिंदू चेहरे हैं। सुखबीर बादल ने पार्टी में शामिल करते ही उन्हें शहरी क्षेत्रों में अकाली दल के लिए काम करने को कहा था। हालांकि उनका यह साथ ज़्यादा दिन नहीं चल सका। अकाली दल को पहले ही भाजपा से गठजोड़ टूटने के बाद हिंदू वोट बैंक की चिन्ता हो रखी है। अभी तक भाजपा के ज़रिए अकालियों को यह वोट मिल जाते थे लेकिन अब वह अकेले पड़ गए हैं।