Solar Radiation Impact on Flights: हवाई यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए यह हफ्ता बेहद भारी पड़ने वाला है। दुनिया भर में हवाई यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने की कगार पर है, क्योंकि एक गंभीर सुरक्षा चेतावनी के चलते हजारों विमानों को अचानक ग्राउंड कर दिया गया है। भारत इस वैश्विक संकट के केंद्र में है, जहां इंडिगो और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस को अपने सैकड़ों विमानों को उड़ान भरने से रोकना पड़ा है।
सोलर रेडिएशन बना उड़ानों का दुश्मन
यह फैसला किसी मामूली तकनीकी खराबी के कारण नहीं, बल्कि तेज सोलर रेडिएशन (Solar Radiation) के खतरे को देखते हुए लिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष से आने वाली ये तेज किरणें विमानों के फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में मौजूद महत्वपूर्ण डेटा को करप्ट (Corrupt) कर रही हैं। यह समस्या विशेष रूप से एयरबस A320 फैमिली के विमानों में देखी गई है।
यही वजह है कि दुनिया भर में लगभग 6000 उड़ानें प्रभावित होने की आशंका है। भारत में इस संकट का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है, जहां करीब 350 विमानों को तत्काल प्रभाव से नीचे उतार लिया गया है।
भारत में 350 से ज्यादा विमान ग्राउंडेड
देश के सबसे बड़े एयरलाइन ऑपरेटर्स इंडिगो और एयर इंडिया इस संकट की चपेट में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले इंडिगो के 250 विमान और एयर इंडिया के 100 से ज्यादा विमानों को अपग्रेड करने के लिए ग्राउंड किया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में विमानों के थम जाने से हवाई सेवाओं पर भारी दबाव बन गया है।
आने वाले दो से तीन दिनों तक हवाई सेवाएं बुरी तरह बाधित रहेंगी। उड़ानों में भारी देरी हो सकती है और कई फ्लाइट्स को रद्द भी करना पड़ सकता है। यह स्थिति उन यात्रियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है, जिन्होंने पहले से अपनी यात्रा की योजना बना रखी थी।
अमेरिका में हुई थी डरावनी घटना
इस बड़े फैसले के पीछे एक खौफनाक घटना जिम्मेदार है। दरअसल, 30 अक्टूबर 2025 को अमेरिका की जेट ब्लू एयरलाइन (JetBlue Airline) के एक विमान के साथ अजीबोगरीब हादसा हुआ था। विमान कैनकन से नेवार्क जा रहा था, तभी वह अचानक पायलट के किसी भी निर्देश के बिना नीचे की ओर झुक गया।
नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड की जांच में सामने आया कि फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के स्विच बदलने के दौरान यह अनियंत्रित गिरावट हुई थी। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए थे कि विमान की टैंपा में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी और कई यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
एयर इंडिया ने जारी की एडवाइजरी
इस संकट को देखते हुए एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। एयरलाइन ने स्वीकार किया है कि एयरबस के निर्देशानुसार A320 फैमिली के विमानों में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का रिअलाइनमेंट किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के चलते टर्न-अराउंड टाइम लंबा होगा और ऑपरेशन में देरी होना तय है। एयरलाइन ने यात्रियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक कर लें, ताकि उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
जानें पूरा मामला
जेट ब्लू एयरलाइन की घटना के बाद की गई जांच में एयरबस ने यह स्वीकार किया कि तेज सोलर रेडिएशन विमान के उड़ान नियंत्रण डेटा को प्रभावित कर सकता है। इसी जोखिम को खत्म करने के लिए दुनिया भर में A320 फैमिली के विमानों में तत्काल सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपग्रेड के आदेश दिए गए हैं। यह एक एहतियाती कदम है ताकि भविष्य में किसी भी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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तेज सोलर रेडिएशन के कारण फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम का डेटा करप्ट होने का खतरा है।
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दुनिया भर में एयरबस A320 फैमिली के लगभग 6000 विमान प्रभावित होंगे।
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भारत में इंडिगो के 250 और एयर इंडिया के 100 से ज्यादा विमान ग्राउंड किए गए हैं।
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यात्रियों को अगले 2-4 दिनों तक उड़ानों में देरी और रद्दीकरण का सामना करना पड़ सकता है।
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30 अक्टूबर 2025 को जेट ब्लू के विमान में हुई घटना के बाद यह सुरक्षा कदम उठाया गया है।






