West Bengal Politics News and Humayun Kabir Party Launch : West Bengal की सियासत में एक नया और बड़ा मोड़ आ गया है। 6 दिसंबर को सांकेतिक रूप से बाबरी मस्जिद की नींव रखकर सुर्खियों में आए हुमायूं कबीर ने अब चुनावी मैदान में एक बड़ी हुंकार भरी है। उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘जनता उन्नयन पार्टी’ (Janata Unnayan Party) बनाने का ऐलान कर दिया है। उनका यह कदम राज्य की सत्ताधारी पार्टी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं माना जा रहा है।
सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा
हुमायूं कबीर ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी West Bengal की सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। मुर्शिदाबाद में एक जनसभा के दौरान उन्होंने अपनी रणनीतियों का खुलासा किया। कबीर ने घोषणा की है कि वे खुद आगामी विधानसभा चुनाव में दो सीटों—रेजीनगर (Rejinagar) और बेलडांगा (Beldanga) से चुनाव लड़ेंगे। उनकी यह घोषणा बताती है कि वे केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि पूरे राज्य में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं।
हिंदू प्रत्याशी उतारकर खेला बड़ा दांव
अक्सर मुस्लिम राजनीति के लिए चर्चा में रहने वाले हुमायूं कबीर ने एक ऐसा दांव चला है जिसने राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया है। उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद (Murshidabad) विधानसभा सीट, जो अभी BJP के पास है, वहां से उनकी पार्टी एक हिंदू उम्मीदवार, मनीषा पांडे (Manisha Pandey) को चुनाव लड़वाएगी। यह कदम यह दर्शाता है कि वे केवल मुस्लिम वोट बैंक के सहारे नहीं, बल्कि एक समावेशी राजनीति का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
RSS प्रमुख के बयान पर पलटवार
हाल ही में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हुमायूं कबीर का नाम लेकर बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घटना को एक ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ (Political Conspiracy) बताया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हुमायूं कबीर ने कहा, “मोहन भागवत जी इतने बड़े आदमी हैं, RSS के प्रमुख हैं, उन्होंने अपने मुख से मेरा नाम लिया, यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं उन्हें लाखों प्रणाम करता हूं।” हालांकि, उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि जब ‘लीडर ऑफ अपोजिशन’ (Leader of Opposition) दिन-रात ‘हिंदू-सनातन’ की रट लगाते हैं, तब मोहन भागवत कोई बयान क्यों नहीं देते? उन्होंने आरोप लगाया कि गवर्नर ने उन्हें घर में नजरबंद (Home Arrest) करने की कोशिश की थी, लेकिन वे रुके नहीं।
आम वोटर और ममता बनर्जी पर असर
वरिष्ठ पत्रकार के नजरिए से देखें तो हुमायूं कबीर का यह कदम TMC के कोर वोट बैंक यानी मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगा सकता है। बंगाल में मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अगर ‘जनता उन्नयन पार्टी’ कुछ फीसदी वोट भी काटती है, तो इसका सीधा फायदा BJP को हो सकता है और ममता बनर्जी की राह मुश्किल हो सकती है। आम वोटर के सामने अब एक और विकल्प होगा, जिससे वोटों का बिखराव तय है।
गठबंधन के लिए दरवाजे खुले
हुमायूं कबीर ने यह भी संकेत दिए हैं कि वे गठबंधन (Alliance) के लिए भी तैयार हैं। बातचीत के लिए Congress और CPM जैसे दलों का जिक्र किया गया है, हालांकि यह अभी शुरुआती चरण है। आज पार्टी का गठन (Formation) हुआ है और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से दल उनके साथ आते हैं।
जानें पूरा मामला
हुमायूं कबीर बंगाल की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। हाल ही में उन्होंने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की सांकेतिक नींव रखने का कार्यक्रम किया था, जिससे वे चर्चा में आए थे। अब उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाकर 294 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कहकर सियासी पारे को गरमा दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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हुमायूं कबीर ने ‘जनता उन्नयन पार्टी’ (Janata Unnayan Party) का गठन किया।
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वे खुद रेजीनगर और बेलडांगा, दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे।
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मुर्शिदाबाद सीट से हिंदू महिला मनीषा पांडे को टिकट देने का ऐलान।
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RSS चीफ मोहन भागवत के ‘षड्यंत्र’ वाले बयान पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी।






