Ayushman Card Rules Changed – आजमगढ़ (Azamgarh) से मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत अब कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज प्राइवेट अस्पताल (Private Hospitals) में मुफ्त नहीं होगा। सरकार द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत अब मस्तिष्क (Brain) से जुड़ी बीमारी, डिलीवरी (Delivery) और बच्चेदानी का ऑपरेशन (Uterus Operation) सिर्फ सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में ही मुफ्त किया जाएगा।
अब तक इस योजना के तहत ₹5 लाख तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में दी जा रही थी, लेकिन हालिया बदलाव के बाद अब इन तीन बीमारियों का इलाज निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से संभव नहीं होगा।
प्राइवेट में इलाज बंद, सरकारी अस्पताल ही विकल्प
स्वास्थ्य विभाग (Health Department) से मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान योजना में तीन प्रमुख बीमारियों को अब निजी अस्पतालों की सूची से बाहर कर दिया गया है। इनमें मस्तिष्क संबंधी ऑपरेशन (Brain Surgery), सामान्य प्रसव व डिलीवरी, और बच्चेदानी से जुड़ी सर्जरी (Uterus-related Surgery) शामिल हैं। इनका उपचार अब केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त (Free Treatment) मिलेगा।
गरीबों के लिए बड़ा झटका
यह योजना अब भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान बनी हुई है, लेकिन जिन मरीजों को उपरोक्त बीमारियां हैं, उन्हें अब केवल सरकारी व्यवस्था पर निर्भर रहना होगा। अब तक मरीज इन रोगों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड दिखाकर भी करवा सकते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा। इससे सरकारी अस्पतालों पर दबाव (Load) और अधिक बढ़ने की आशंका है।
जिले में बने हैं 28 आयुष्मान अस्पताल
आंकड़ों के अनुसार, आजमगढ़ (Azamgarh) जिले में आयुष्मान योजना के अंतर्गत 28 निजी अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है। जिले में 110 प्रतिशत लक्ष्य से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब नियमों में हुए इस बदलाव के चलते इन बीमारियों के मरीजों को इन 28 अस्पतालों से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
मरीजों की संख्या पर पड़ेगा असर
बच्चेदानी की सर्जरी, ब्रेन ऑपरेशन और डिलीवरी से संबंधित मरीजों की संख्या जिले में अधिक है। ऐसे में निजी अस्पतालों में इस सुविधा का बंद होना मरीजों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। अब उन्हें सरकारी अस्पतालों की मौजूद सुविधाओं (Available Facilities) पर ही निर्भर रहना पड़ेगा, जो पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।






