Avadh Ojha Quits Politics: देश के लाखों युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी कराने वाले और अपने अनोखे अंदाज के लिए मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा (Avadh Ojha) ने राजनीति के अखाड़े को अलविदा कह दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर किस्मत आजमाने वाले ओझा ने चुनाव में मिली शिकस्त के बाद यह बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए अपने इस निर्णय की जानकारी दी।
पटपड़गंज से मिली थी करारी हार
अवध ओझा ने इस साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। यह सीट पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का गढ़ मानी जाती थी। ओझा का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी से था। चुनाव नतीजों में ओझा को रविंदर सिंह नेगी के हाथों 28 हजार से ज्यादा वोटों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
‘व्यक्तिगत निर्णय’ बताकर राजनीति से बनाई दूरी
चुनाव में मिली इस निराशाजनक हार के बाद अवध ओझा ने राजनीति से पूरी तरह किनारा कर लिया है। उन्होंने X पर लिखा कि राजनीति से दूर होने का उनका फैसला पूरी तरह से “व्यक्तिगत” है। यूपीएससी की दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुके ओझा का यह राजनीतिक सफर काफी छोटा रहा। उनकी इस घोषणा के बाद उनके समर्थकों और छात्रों के बीच भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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प्रसिद्ध यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास की घोषणा की।
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वह दिल्ली की पटपड़गंज सीट से AAP के उम्मीदवार थे।
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बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी से उन्हें 28 हजार वोटों से हार मिली।
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ओझा ने X पर पोस्ट कर इसे अपना व्यक्तिगत निर्णय बताया।
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उनका राजनीतिक सफर बहुत ही संक्षिप्त रहा।






