चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने भाजपा को महिला-बच्चों, आदिवासी, अनुसूचित जाति-जनजाति व दलित विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि देश में जहां-जहां भाजपा शासित सरकार हैं, वहां बीते कई महीने से महिला-बच्चों व दलितों समेत अन्य पर अत्याचार किए जा रहे हैं।
चीमा ने कहा कि भाजपा महिलाओं की पीड़ा को अनसुना कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बच्चों की चीख-पुकार सुनाई नहीं दे रही। जबकि प्रधानमंत्री लगभग 9 साल से स्वयं अपने मन की बात सुना रहे हैं। लेकिन वह महिला-बच्चों, आदिवासी, दलित पीड़ितों की व्यथा सुनने से बच रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री की चुप्पी को दलित विरोधी बताया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार हो रहा देश
चीमा ने कहा कि 21वीं सदी में देश को प्रधानमंत्री व भाजपा के कारण दुनिया भर में शर्मसार होना पड़ रहा है। देश के अंदरूनी माहौल और अत्याचार बारे अमेरिका, जर्मनी-फ्रांस में बातें हो रही हैं। देश का शर्मसार करने वाला नक्शा पेश किया जा रहा है। मंत्री चीमा ने कहा कि जहां-जहां अमानवीय घटनाएं हुई, उन पर चर्चा के लिए देश के चुने हुए नुमाइंदों द्वारा लोकसभा व राज्यसभा में कई बार नोटिस जारी किए गए। लेकिन भाजपा विपक्ष सभी प्रकार के प्रयासों पर चुप्पी साधे हुए है।
भाजपा शासित प्रदेशों में दहशत व खून-खराबा
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि हरियाणा में हुई हिंसा में छह से अधिक लोगों की मौत हुई। जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए। लेकिन भाजपा शासित हरियाणा सरकार हिंसा रोकने में नाकाम है। भाजपा शासित प्रदेशों में दहशत व खून-खराबे का माहौल होने सहित कानून व्यवस्था लचर हालत में बताई। उन्होंने आरोप लगाए कि प्रधानमंत्री की रहनुमाई में देश में बड़ी साजिश रची जा रही है, जो देश के भाईचारे को तोड़ने का काम कर रही है।
संसद में बहस से बच रही है भाजपा
चीमा ने कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं, इनमें एक कारगिल युद्ध के जवान की पत्नी व अन्य को निर्वस्त्र घुमाया गया। मणिपुर में गुंडागर्दी का नाच और हिंसा लगातार जारी है। अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री चुप्प बैठे हैं। चीमा ने कहा पंजाब से अब तक विपक्ष के सदस्य रोजाना 50-70 नोटिस लोकसभा व राज्य सभा में लगाते हैं। लेकिन भाजपा सरकार कोई नोटिस नहीं लेती। कहा कि AAP चाहती है कि आर्टिकल 167 के अधीन देश की संसद में बहस हो लेकिन भाजपा चुप है।
चीमा ने बीते दिनों मध्यप्रदेश में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी व्यक्ति के सिर पर पेशाब करने को घिनौनी हरकत बताया। उन्होंने भाजपा को आदिवासी, दलित, महिला और बच्चों से नफरत करने वाली पार्टी बताया।
मणिपुर में हिंसा लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं
चीमा ने कहा कि मणिपुर में 3 मई से लोगों के घर जलाए जा रहे हैं। महिलाओं को निर्वस्त्र किया जा रहा है और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। यहां तक कि मणिपुर के राहत कैंप की हालत भी बद्तर है। स्कूल भी लगातार बंद हैं और इंटरनेट सेवाएं बीते तीन महीने से ठप हैं। एक सौ से अधिक लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल हो चुके हैं। लेकिन एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश में भी क्राइम ग्राफ बढ़ा है। आरोप लगाए कि भाजपा साल 2024 के चुनावों के समीप आने के चलते डर-भय व बरबादी का माहौल बना रही है।
PM चुप्पी तोड़ संसद के अंदर-बाहर बयान दें
चीमा ने कहा कि AAP मांग करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुप्पी तोड़ें। देश की संसद के अंदर-बाहर आकर बयान दें और भाजपा शासित प्रदेशों में हो रही हिंसा तुरंत बंद कराएं। आम लोगों के हकों की रक्षा करें। चीमा ने गृह मंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे को भी केवल पिकनिक स्पॉट बताया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री केवल पिकनिक मना कर लौटे हैं। कहा कि यदि कोई कार्रवाई की होती तो मणिपुर में दोबारा घटनाएं न होती।






