Asim Munir Warning: पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और चरमराती आंतरिक सुरक्षा के बीच, नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) आसिम मुनीर ने अपना पद संभालते ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। मुनीर ने गीदड़ भपकी देते हुए कहा कि अगर भारत ने कोई आक्रामक कदम उठाया तो उसे करारा जवाब मिलेगा, लेकिन सच्चाई यह है कि यह बयान अपनी जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने की एक कोशिश मात्र है।
पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना पुराना और घिसा-पिटा ड्रामा शुरू कर दिया है। कहते हैं कि औकात से ज्यादा किसी को कुछ मिल जाए तो वह बौखला जाता है, और यही हाल इस समय आसिम मुनीर का है। पाकिस्तान के नवनियुक्त और पहले रक्षा प्रमुख (सीडीएस) यानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कमान संभालते ही भारत को चेतावनी देने का वही पुराना राग अलापा है। मुनीर ने साफ तौर पर कहा कि भारत को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने धमकी दी कि अगर भारत की तरफ से कोई भी आक्रामक कदम उठाया गया, तो पाकिस्तान उसका और भी ज्यादा तगड़ा जवाब देगा। हालांकि, पाकिस्तान की मौजूदा हालत को देखते हुए यह चेतावनी कम और बौखलाहट ज्यादा नजर आती है।
दावे हाई-टेक, हकीकत खस्ताहाल
मुनीर ने नवगठित डिफेंस फोर्स हेड क्वार्टर को ऐतिहासिक बताया और दावा किया कि अब आर्मी, एयरफोर्स और नेवी एकीकृत होकर काम करेंगी। उन्होंने बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहा कि युद्ध अब साइबर स्पेस, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में पहुंच चुका है। लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोलती है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की सेना अपनी पारंपरिक जंगी गाड़ियों को भी ठीक से मेंटेन नहीं कर पा रही है। ईंधन की भारी कमी, पुराने उपकरण और लगातार होती बजट कटौती ही आज पाकिस्तान की असली सैन्य स्थिति है।
हार के बाद भी प्रमोशन
अपने संबोधन में मुनीर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया। यह वही ऑपरेशन था जिसमें भारत ने पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान को भारी नुकसान पहुंचाया था। हैरानी की बात यह है कि उस हार के बाद मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट कर दिया गया। यह पाकिस्तान में एक आम चलन बन चुका है, जहां जनरलों को सफलता के आधार पर नहीं, बल्कि भारत विरोध के ‘स्कोर’ पर प्रमोशन मिलता है। यानी पहले हार, फिर प्रमोशन और अंत में भारत के खिलाफ धमकी।
असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का खेल
विशेषज्ञों का मानना है कि आसिम मुनीर को अचानक भारत की याद इसलिए आई है क्योंकि पाकिस्तान इस वक्त भीषण संकट से गुजर रहा है। जब भी पाकिस्तान में महंगाई आसमान छूती है, IMF का लोन अटक जाता है, या जनता सड़कों पर उतरती है, तो वहां की सेना तुरंत भारत का नाम उछाल देती है। इसका एकमात्र उद्देश्य असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना होता है। आज पाकिस्तान आंतरिक लड़ाइयों से जूझ रहा है, बलूचिस्तान में विद्रोह बढ़ रहा है, TTP रोजाना हमले कर रहा है और अफगानिस्तान सीमा पर झड़पें जारी हैं। देश आर्थिक दिवालियापन की कगार पर है, ऐसे में भारत को चेतावनी देना सिर्फ जनता को झूठा भरोसा दिलाने की कोशिश है।
लोकतंत्र पीछे, सेना आगे
पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी ने सेना, वायुसेना और नौसेना संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी देकर CDS का यह नया पद बनाया है। लेकिन इस कदम को देश में सेना को और अधिक ताकतवर बनाने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है। सीडीएस पद का सृजन किसी सैन्य मजबूती के लिए नहीं, बल्कि सेना के अंदर बढ़ती गुटबाजी को कागज पर एकजुट दिखाने के लिए किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र और पीछे चला गया है और सेना की पकड़ और मजबूत हो गई है। मुनीर के खोखले बयानों से न तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी और न ही हालात बदलेंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
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आसिम मुनीर पाकिस्तान के पहले सीडीएस और फील्ड मार्शल बने।
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पद संभालते ही भारत को दी आक्रामक कदम उठाने पर ‘तगड़े जवाब’ की धमकी।
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पाकिस्तान की सेना ईंधन की कमी और पुराने उपकरणों से जूझ रही है।
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ में विफलता के बावजूद मुनीर को प्रमोशन मिला।
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बयान का मकसद महंगाई और आंतरिक विद्रोह से जनता का ध्यान भटकाना है।






