America Action On Pakistan एक तरफ जहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की भव्य तैयारियां चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने पाकिस्तान को एक जोरदार झटका दे दिया है। अमेरिका में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है, जिसे लेकर 49 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को एक सख्त चिट्ठी भी लिख दी है।
दुनिया की नजरें इस वक्त दक्षिण एशिया की राजनीति पर टिकी हैं। भारत में एक ग्लोबल लीडर के स्वागत की तैयारी है, तो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सत्ता और सेना के बीच घमासान मचा है। अमेरिका के 40 से ज्यादा सांसदों ने मांग उठाई है कि आसिम मुनीर को अमेरिका में पूरी तरह से बैन कर दिया जाए। यह खबर पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है, क्योंकि आसिम मुनीर वहां खुद को ‘सर्वेसर्वा’ मानकर चल रहे हैं। विशेषज्ञ इसे भारत के बढ़ते कद और पाकिस्तान की गिरती साख के रूप में देख रहे हैं।
49 अमेरिकी सांसदों ने खोला मोर्चा
पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अमेरिका में एक तानाशाह की तरह देखा जाने लगा है। अमेरिका के 49 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को खत लिखकर अपनी चिंता जाहिर की है। इन सांसदों में प्रमिला जयपाल, ग्रेग कैसर और जेम्स पी. मैकगवर्न जैसे बड़े नाम शामिल हैं। पत्र में साफ लिखा गया है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र खात्मे की कगार पर है और इसमें आसिम मुनीर समेत सेना के कुछ अधिकारियों का बड़ा हाथ है। सांसदों ने रूबियो से तुरंत हस्तक्षेप करने और इन अधिकारियों के अमेरिका घुसने पर रोक लगाने की मांग की है।
परिवारों को टॉर्चर करने का आरोप
अमेरिकी सांसदों ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए पाकिस्तान में मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया है। पत्र में एक बेहद गंभीर आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका में रह रहे अपने प्रवासी नागरिकों को निशाना बना रही है। जब वे इन नागरिकों को पकड़ नहीं पाते, तो पाकिस्तान में मौजूद उनके रिश्तेदारों को टॉर्चर किया जाता है। सरकार अपनी हुकूमत बचाने के लिए साम, दाम, दंड और भेद—हर रास्ता अपना रही है। सांसदों ने सुझाव दिया है कि अत्याचार में शामिल अधिकारियों के अमेरिकी वीजा पर तत्काल रोक लगाई जाए।
शहबाज शरीफ के परिवार में डर का माहौल
पाकिस्तान के अंदरूनी हालात भी बेहद नाजुक हैं। आसिम मुनीर को ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (CDF) का पद मिलने वाला था, जिसके तहत तीनों सेनाएं (जल, थल, नभ) उनके कंट्रोल में आ जातीं। लेकिन उनकी ताजपोशी में लगातार देरी हो रही है। खबर है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनका परिवार इस नियुक्ति से डर रहा है। हाल ही में शहबाज शरीफ का विमान इस्लामाबाद उतरने के बजाय लाहौर डायवर्ट कर दिया गया, जो शरीफ परिवार की एक आंतरिक बैठक का नतीजा बताया जा रहा है।
जनरल बाजवा जैसा खौफ
नवाज शरीफ और मरियम नवाज नहीं चाहते कि आसिम मुनीर को CDF जैसा पावरफुल पद मिले। उन्हें डर है कि मुनीर भी पूर्व जनरल बाजवा की तरह सरकार पर दबाव बनाएंगे और अपनी हुकूमत चलाएंगे। हालांकि, दुनिया को दिखाने के लिए शहबाज शरीफ मुनीर को ताकतवर बता रहे हैं, लेकिन अंदरखाने वे खुद सहमे हुए हैं। पाकिस्तान का इतिहास गवाह है कि वहां सरकार कोई भी चलाए, असली रिमोट कंट्रोल सेना के हाथ में ही होता है और CDF बनने के बाद मुनीर की ताकत और बढ़ जाएगी।
क्या है पूरा मामला
हाल ही में पाकिस्तान के संविधान में कुछ बड़े संशोधन किए गए हैं, जिनके तहत सेना प्रमुख को असीमित अधिकार दिए जा सकते हैं। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि सेना प्रमुख पर कभी मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा। इसी को लेकर अमेरिकी सांसद चिंतित हैं कि पाकिस्तान में मानवाधिकार और लोकतंत्र पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसी डर के चलते उन्होंने आसिम मुनीर और अन्य अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाने की मुहीम छेड़ी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमेरिका के 49 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखकर आसिम मुनीर को बैन करने की मांग की।
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सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका में रह रहे प्रवासियों के परिवारों को टॉर्चर कर रही है।
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शहबाज शरीफ का परिवार आसिम मुनीर को CDF का पद देने से कतरा रहा है, उन्हें तख्तापलट या दबाव का डर है।
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पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अमेरिका में चिंता बढ़ गई है।






