The News Air- चंडीगढ़- आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और CM भगवंत मान ने नए चुने 92 विधायकों से मीटिंग की। केजरीवाल ने विधायकों को दो टूक कहा कि वह स्कूलों-अस्पतालों की चेकिंग करें लेकिन बदतमीजी नहीं। वहीं CM मान ने कहा कि अफसरों को मत डराओ। इसकी जगह उनसे पूछो कि हम कैसे सुधार कर सकते हैं।
यह बात इसलिए अहम है क्योंकि आप विधायकों और नेताओं के रवैये को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। CM मान की अगुवाई में विधायक मोहाली में इकट्ठा हुए। वहीं अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग को संबोधित किया।
केजरीवाल की नसीहत
- कई लोग साधारण अतीत वाले हैं, जिन्होंने कभी MLA बनने के बारे में नहीं सोचा। अब अहंकार मत करना वरना जनता आपको हरा देगी।
- विधायकों को चंडीगढ़ में नहीं बैठना है। हर MLA और मंत्री गली-मोहल्लों और गांवों में जाएंगे।
- कुछ विधायक मंत्री न बनने से दुखी है। हमारी 92 सीटें आई हैं और मंत्री 17 ही बनेंगे। हमें एक टीम बनकर काम करना है। अपना स्वार्थ और महत्त्वकांक्षा छोड़ें। लालच आ गया तो पंजाब हार जाएगा।
- कुछ लोग कहते हैं कि मेरा मंत्री बनने का हक था। पिछले वाले (कांग्रेस-अकाली दल) भी पैदाइशी सीएम और मंत्री बनने के बारे में सोचते थे। ऐसा न हो कि अगली बार जनता हमें साफ कर दे।
- मंत्रियों को सीएम भगवंत मान टारगेट देंगे। हमें दिन-रात काम करना पड़ेगा। अगर टारगेट पूरे न हुए तो मंत्री बदले भी जा सकते हैं।
- डीसी और एसएसपी की पोस्टिंग के लिए मुख्यमंत्री के पास मत जाना। मान और मंत्रिमंडल खुद अच्छे अफसरों की पोस्टिंग करेंगे। अगर काम न करें तो शिकायत लेकर जाओ।
मीटिंग में उपस्थित CM भगवंत मान और राघव चड्ढा
CM भगवंत मान ने भी दी सीख
- सबके यहां जाओ। यह मत देखो कि हमें वोट दिया या नहीं। जहां समस्या है, वहां हमे जाना है।
- तहसीलदार, पटवारी और एसएचओ को मत डराओ। उन्हें सुधारना है तो समझाओ। उसे कैसे सुधारना है, इसके बारे में पूछो। सरकार पूरी मदद करेगी।
- अवैध काम छोटे अफसरों को कहने से बंद नहीं होंगे। चंडीगढ़ से मैं इसे बंद कर दूंगा। पहले भी ऐसा हुआ कि गलत काम किसी ने करवाए और सस्पेंड कोई दूसरा हो गया। यह अब नहीं चलेगा।
- 25 हजार सरकारी नौकरियां निकाली हैं। उसकी सिफारिश मत करना क्योंकि उससे किसी दूसरे का हक मारा जाएगा।
- बदलाखोरी नहीं होनी चाहिए। कुछ शिकायतें आई हैं कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक शब्दावली इस्तेमाल की जा रही हैं। यह अपना काम नहीं है।
- हर विधायक का सर्वे होगा। सीट पक्की करनी है तो पब्लिक से पक्की दोस्ती करनी पड़ेगी। अगर कच्चा काम किया तो उसकी रिपोर्ट हमारे पास आ जाएगी। मैं आपको डरा नहीं रहा बल्कि सलाह दे रहा हूं।
- मंत्रियों से मिलो लेकिन गलत काम के लिए मत कहना। काम सही हो तो मंत्री का पीछा मत छोड़ना।
- काम करते वक्त मालवा, माझा या दोआबा क्षेत्र और जाति नहीं देखनी है। हम पूरे पंजाब के हैं, इसलिए सबके काम करो।
- हर विधानसभा और उसके बड़े कस्बों में दफ्तर खोलो। सब टाइम पर आया करो। अगर पब्लिक को इंतजार करना पड़ गया तो फिर काम नहीं चलेगा।
मंत्रिमंडल से दिग्गजों को झटका दे चुके केजरीवाल
राज्य में CM भगवंत मान की सरकार में कल 10 मंत्री शामिल हुए। अहम बात यह रही कि इसमें दूसरी बार चुनकर आए दिग्गज अमन अरोड़ा, सर्वजीत कौर माणुके, प्रोफेसर बलजिंदर कौर, कुलतार सधवां और प्रिंसिपल बुधराम को मंत्री नहीं बनाया गया। इसी बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि चुनाव पूर्व इनमें से कुछ नेताओं ने बगावती तेवर दिखाए थे। वहीं आगे चलकर पिछली बार की तरह पार्टी छोड़ गए दिग्गजों के रवैये से पार्टी में फूट न पड़े, इसलिए भी दिग्गजों को अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
मीटिंग में मौजूद AAP के विधायक
दिल्ली सरकार और केजरीवाल की छवि की भी चिंता
आम आदमी पार्टी को अब पंजाब में नई सरकार बनने के बाद दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल की व्यक्तिगत छवि की भी चिंता है। पंजाब में अच्छा काम हुआ तो केजरीवाल का दिल्ली गवर्नेंस मॉडल का प्रभाव दूसरे राज्यों में फैलेगा। जिसका चुनावी लाभ मिलेगा और AAP राष्ट्रीय पार्टी का रूप लेती जाएगी। वहीं इससे लोग केजरीवाल के नाम पर समर्थन भी देंगे।
अगर पंजाब में सरकार फेल रही तो फिर इससे यह संदेश जाएगा कि केजरीवाल के अलावा पार्टी कहीं कामयाब नहीं हो सकती। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि आप को पंजाब पूर्ण राज्य के तौर पर मिला है। यही वजह है कि केजरीवाल पार्टी फ्रंट पर अब विधायकों को साधकर साथ रखेंगे।