Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Election 2025) में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) समेत कई बड़े नेता चुनावी मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई नेता भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों के चलते जेल जा चुके हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि किसी नेता के जेल जाने से उसकी लोकप्रियता पर ज्यादा असर नहीं पड़ता, बल्कि कभी-कभी जनता की सहानुभूति भी मिल सकती है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इसका असर वोटों पर भी देखने को मिले।
केजरीवाल का जेल से बाहर आकर चुनावी प्रचार
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से पहले आबकारी नीति घोटाले (Excise Policy Scam) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें कुछ समय के लिए जमानत दी गई, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह तभी मुख्यमंत्री बनेंगे, जब जनता उन्हें ईमानदार मानेगी।
AAP के दागी नेताओं की सूची
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मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia): दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री, जिन्हें आबकारी नीति घोटाले के तहत 17 महीने जेल में बिताने पड़े।
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सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain): दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, जो 4.8 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में 18 महीने तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में रहे।
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संजय सिंह (Sanjay Singh): AAP के वरिष्ठ नेता, जिन्हें अप्रैल 2024 में जमानत मिली।
दिल्ली दंगों के आरोपी भी मैदान में
AAP के अलावा, इस बार दिल्ली चुनाव में दो विवादित नाम भी शामिल हैं:
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ताहिर हुसैन (Tahir Hussain): 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों (Northeast Delhi Riots 2020) के आरोपी, जो मुस्तफाबाद (Mustafabad) सीट से AIMIM के उम्मीदवार हैं।
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शिफा-उर-रहमान (Shifa-Ur-Rehman): दंगों में संलिप्तता के आरोप में जेल में रह चुके और अब ओखला (Okhla) सीट से AIMIM के प्रत्याशी हैं।
क्या जेल जाना राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाता है?
दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर अभिषेक गिरि के अनुसार, “कई नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं, लेकिन इसका उनके चुनावी करियर पर बहुत असर नहीं पड़ता।” उन्होंने आगे कहा, “अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा के रूप में देखा जाता था, इसलिए आबकारी नीति घोटाले में उनकी गिरफ्तारी उनकी छवि पर नकारात्मक असर डाल सकती है।”
राजनीतिक विरोधियों का तंज
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा, “अरविंद केजरीवाल गर्व से बता रहे हैं कि वह जेल गए, जैसे उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया हो। असल में वह भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल गए थे, उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
दिल्ली चुनाव में दागी उम्मीदवारों का बढ़ता ग्राफ
चुनाव अधिकार संस्था ADR (Association for Democratic Reforms) के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 19% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। 2020 में यह आंकड़ा 20% था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कई दागी नेताओं की एंट्री चर्चा का विषय बनी हुई है। अब देखना होगा कि जनता ऐसे उम्मीदवारों को समर्थन देती है या नहीं। केजरीवाल और उनके सहयोगियों के लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।






