नई दिल्ली, 21 नवंबर (The News Air) दिल्ली के बच्चों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा देने के क्रम में सीएम आतिशी ने रोहिणी सेक्टर-27, पॉकेट सी-2 में शानदार नए स्कूल को आसपास के बच्चों को समर्पित किया। ये शानदार स्कूल 121 कमरें, 10 अत्याधुनिक लैब, सेंट्रल लाइब्रेरी, एमपी हॉल सहित तमाम सुविधाओं से लैस है। इस मौके पर सीएम आतिशी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी ने सरकारी स्कूलों की शानदार बनाकर साबित कर दिया है कि, अच्छी शिक्षा पाकर अब गरीब का बच्चा गरीब नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि, देशभर से लोग दिल्ली में अपने बच्चों को अच्छी ज़िंदगी देने का सपना लेकर आते है; अपनी शिक्षा क्रांति से अरविंद केजरीवाल जी ने आम आदमी के इस सपने को पूरा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि, ग़रीब परिवारों के बच्चों को ऐसे स्कूल, ऐसी शिक्षा आगे भी मिलती रहे इसलिए दिल्लीवालों को फ़रवरी में दोबारा शिक्षा पर काम करने वाली सरकार चुननी होगी।
सीएम आतिशी ने कहा कि, “रोहिणी सेक्टर-27 पॉकेट सी-2 का ये शानदार स्कूल, इतनी शानदार बिल्डिंग इस पूरे इलाके के आसपास के बड़े प्राइवेट स्कूलों की भी नहीं होगी। इस स्कूल में 121 कमरें है। 10 लैब्स है, योगा के लिए अलग कमरा है, एक्टिविटी रूम है, एमपी हॉल, लेक्चर हॉल, लिफ्ट है।”
उन्होंने कहा कि, “मुझे ये बताते हुए खुशी है कि, सेक्टर 27 में रहने वाले बच्चों को यहाँ से 10-15 किमी दूर शाहाबाद दौलतपुर के स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था। लेकिन इस स्कूल की बदौलत अब यहाँ रहने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि, “2015-16 में अरविंद केजरीवाल जी यहाँ लोगों के बीच आए थे। तब यहाँ लोगों ने अपने बच्चों के लिए एक स्कूल की माँग की थी और अरविंद केजरीवाल जी ने यहाँ शानदार स्कूल बनाकर इस वादे को पूरा करने का काम किया है।”
सीएम आतिशी ने कहा कि, “सरकारें दिल्ली में पहले भी रही लेकिन जब से दिल्ली के लोगों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। अरविंद केजरीवाल जी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया तब से ये दिल्ली की पहली ऐसी सरकार बनी जिसने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया।”
उन्होंने कहा कि, “दिल्ली में लोग देश के अलग-अलग हिस्से से अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद में आते है और अपने बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए सुबह से शाम तक मेहनत करते है। कोई भी परिवार सबसे ज़्यादा खर्च अपने बच्चों पर, उनकी पढ़ाई पर करता है। एक परिवार जब सबसे ज़्यादा मेहनत अपने बच्चों के लिए करता है, सबसे ज़्यादा खर्च अपने बच्चों पर करता है तो फिर सरकारें ऐसा क्यों नहीं करती? सरकारों को भी सबसे ज़्यादा मेहनत, सबसे ज़्यादा खर्च बच्चों पर करना चाहिए।”
सीएम आतिशी ने कहा कि, “आप” सरकार ने ये काम किया। पूरे देश में कोई इकलौती ऐसी सरकार है जो अपने बजट का 25% खर्च आम लोगों के बच्चों की शिक्षा पर खर्च करती है तो वो दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार है।”
उन्होंने कहा कि, “दिल्ली के स्कूल हमेशा ऐसे नहीं थे। 2015 से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूल बदहाल होते थे। स्कूल में घुसते ही सबसे पहले टॉयलेट की बदबू आती थी। बरसात में छत से पानी टपकता था। सर्दियों के टूटी हुई खिड़कियों से ठंडी हवा आती थी। बच्चों के लिए पीने का पानी नहीं होता था, बैठने के लिए टेबल-कुर्सी नहीं होते थेजेड आम लोगों के बच्चे मजबूरी में टीन-टप्पर के स्कूल में पढ़ने को मजबूर थे। कोई भी परिवार अपने बच्चों को टूटे-फूटे स्कूल में नहीं भेजना चाहता था। लोग मजबूरी की वजह से, गरीबी की वजह से अपने दिल पर पत्थर रखकर बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। जिन परिवारों के पास थोड़ा भी पैसा होता था तो वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के भेजते थे क्योंकि उनको लगता था कि शायद प्राइवेट स्कूल में उनके बच्चों का भविष्य संवर जाएगा।”
सीएम आतिशी ने कहा कि, “2015 में दिल्लीवालों ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए चमत्कार कर दिया और अरविंद केजरीवाल जी को अपना मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद दिल्ली पहली ऐसी सरकार बनी जिसनें अपना 25% बजट शिक्षा पर लगाया, ऐसे शानदार सरकारी स्कूल बनाने पर लगाया। उन्होंने कहा कि, आजादी से लेकर 2015 तक कई सरकारें आई-गई लेकिन 75 सालों में इन सरकारों ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में मात्र 24000 कमरें बनवाये लेकिन अरविंद केजरीवाल जी ने मात्र 10 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 22,000 से ज़्यादा नए कमरें बनवाए। शानदार स्कूल बनवायें।”
उन्होंने कहा कि, “हमनें शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा। पिछली सरकारों में मंत्री-मुख्यमंत्री, नेता विदेश जाते थे। लेकिन दिल्ली की सरकार पहली ऐसी सरकार बनी जिसनें सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा ताकि वो दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा दे सके। आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को अत्याधुनिक लैब मिलते है, शानदार पढ़ाई मिलती क्योंकि दिल्ली के लोगों ने एक सही सरकार को चुना, शिक्षा पर काम करने वाली सरकार को चुना।”
सीएम आतिशी ने कहा कि, “पहले जो बच्चे सरकारी स्कूलों से निकलते थे तो उनमे से कोई मैकेनिक का काम करता था, कोई दुकान पर छोटी नौकरी करता था। लेकिन अब ये बदल गया है। उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पड़ने वाले कुछ बच्चों की कहानी साझा की-
-शिल्पी सेक्टर 23 रोहिणी में रहती थी। उसके पिताजी नरेला की एक फैक्ट्री में काम करते थे। 8000-10000 रुपये कमाते थे। उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा। शिल्पी पढ़ाई में बहुत तेज थी, इंजीनियर बनना चाहती थी। पर उसे लगता था कि, शायद सरकारी स्कूल में उसे अच्छा मौका न मिले।
लेकिन अरविंद केजरीवाल जी की सरकार ने, स्कूल के शिक्षकों ने शिल्पी की पढ़ाई-लिखाई में मदद की। शिल्पी ने जेईई की परीक्षा की तैयारी की और आज शिल्पी आईआईटी गोवाहाटी में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं और हो सकता है की आज उसके पिताजी जहाँ नौकरी कर रहे है, कल शिल्पी उस फैक्ट्री की मैनेजर बनें।
-हिमांशु नंदनगरी में रहता था। दसवीं में उसके पिताजी गुजर गए। ग्यारहवीं से हिमांशु अपने घर को सपोर्ट करने के लिए स्कूल के बाद ट्यूशन पढ़ाता था। हिमांशु डॉक्टर बनना चाहता था। उसे लगा की वो अपने आगे की पढ़ाई कैसे करेगा लेकिन दिल्ली सरकार के स्कूल में अच्छी पढ़ाई मिलने से हिमांशु ने नीट की परीक्षा क्वाकिफ़ाई की और आज मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है।
-रोहिणी सेक्टर-25 में रहने वाले राजीव के पिताजी एक मैकेनिक का काम करते थे। 9000 रुपये कमाते थे। लॉकडाउन के दौरान उनकी वो नौकरी भी चली गई। तब राजीव को लगा कि शायद उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़े। लेकिन दिल्ली सरकार के स्कूल में अच्छी पढ़ाई के कारण, शिक्षकों से मिली मदद के कारण राजीव ने जेईई की परीक्षा पास की और आज आईआईटी गोवाहाटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। आज मैकेनिक का बेटा मैकेनिकल इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा है और आगे जाकर बड़ी कार कंपनियों में बड़े पदों पर काम करेगा।
सीएम आतिशी ने कहा कि, “एक समय ऐसा था जब स्कूल टूटे-फूटे होते थे। ग़रीब का बच्चा सरकारी स्कूल में आकर ग़रीब रहने को मजबूर था। लेकिन आज दिल्ली के सरकार ने जो शानदार सरकारी स्कूल बनवाये है, उससे आज गरीब का बच्चा गरीब नहीं रहेगा, बड़ी नौकरी करेगा, बिज़नेस करेगा और एक ही पीढ़ी में अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाल लेगा। ये है दिल्ली सरकार की शिक्षा क्रांति।”
उन्होंने कहा कि, “ग़रीब परिवारों के बच्चों को ऐसे स्कूल, ऐसी शिक्षा आगे भी मिलती रहे तो दिल्लीवालों को फ़रवरी में दोबारा उस सरकार को चुनना होगा जो उनके बच्चों की शिक्षा के लिए, अच्छे भविष्य के लिए काम करती है।”