राजस्थान के कोटा (Kota in Rajasthan) में मेडिकल प्रवेश परीक्षा (Medical Entrance Exams) की तैयारी कर रहे एक 18 वर्षीय छात्र ने अपने हॉस्टल के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस साल कोटा में आत्महत्या की यह 17वीं घटना है। उत्तर प्रदेश के रामपुर निवासी मनजोत छाबड़ा (Manjot Chhabra) ने साल की शुरुआत में नीट (NEET) की तैयारी के लिए कोटा के एक कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया था। गुरुवार सुबह छात्र अपने हॉ़स्टल में मृत पाया गया।
कुछ दिन पहले ही कोटा में एक और छात्र पुष्पेंद्र सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। वह नीट की तैयारी के लिए एक सप्ताह पहले ही आया था और अपने चचेरे भाई के साथ एक हॉस्टल में रह रहा था। पिछले कुछ वर्षों में कोटा में छात्रों की खुदकुशी के मामले बढ़े हैं और इस कारण कोटा शहर सुर्खियों में रहा है।पिछले साल कोटा में छात्रों की आत्महत्या के कम से कम 15 मामले दर्ज किए गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कथित आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ और न ही माता-पिता ने कोई कारण बताया। सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान पीड़ित के एक सहपाठी ने बताया कि केशव पढ़ाई के प्रति ईमानदार था।
इस घटना ने एक बार फिर कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या की परेशान करने वाली प्रवृत्ति को सामने ला दिया है। जून महीने में ही कोटा में IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा एक 17 वर्षीय छात्र मृत पाया गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने लड़के को उसके हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया।
एक अधिकारी ने बताया था कि कोटा के जवाहर नगर इलाके के राजीव गांधी नगर में भार्गव केशव का शव उसके कमरे में पंखे से लटका मिला। पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले का रहने वाला केशव 11वीं कक्षा का छात्र था और पिछले दो महिनों से कोटा के एक कोचिंग संस्थान में जेईई की तैयारी कर रहा था।
बता दें कि राजस्थान का कोटा अपने कोचिंग सेंटरों के लिए मशहूर है। लेकिन अब छात्रों की आत्महत्या के लिए बदनाम हो गया है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए इस शैक्षणिक सत्र में 2.25 लाख से अधिक छात्रों के शहर के विभिन्न कोचिंग केंद्रों में दाखिला लेने का अनुमान है।






