फाजिल्का (The News Air) पंजाब के फाजिल्का की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर 28 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगी। प्रदर्शन आंगनबाड़ी एंप्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर राष्ट्रीय प्रधान हरगोबिंद कौर के नेतृत्व में किया जाएगा। जिसमें हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर शामिल होंगी।
यह जानकारी ऑल पंजाब आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की ब्लॉक प्रधान छिंदरपाल कौर जलालाबाद कमरेवाला ने दी है। उन्होंने कहा कि इस की तैयारियों के लिए मीटिंगें की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर केंद्र सरकार की ICDS स्कीम के अधीन 2 अक्टूबर 1975 से काम कर रही हैं, परंतु लगभग 48 साल बीत जाने के बावजूद भी उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि देश भर की करीब 28 लाख और पंजाब में 54 हजार से अधिक आंगनबाड़ी वर्कर-हेल्पर काम कर रही हैं, परंतु सरकारों ने हमेशा ही सौतेली मां वाला सलूक किया है।
5 सालों से मानदेय भत्ता में नहीं बढ़ा एक रुपया
जिस कारण जत्थेबंदी को सरकारों के खिलाफ तगड़े संघर्ष करने के साथ थानों, जेलों में भी जाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों के मानदेय भत्ते में एक रुपया भी विस्तार नहीं किया है। मांगों का जिक्र करते उन्होंने कहा कि मिनी आंगनबाड़ी वर्करों को पूरे वर्कर का दर्जा देकर पूरा वेतन दिया जाए।
आंगनबाड़ी सेंटरों में गर्मी और ठंड की छुट्टियां सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बराबर दीं जाएं। आंगनबाड़ी वर्करों को प्री नर्सरी टीचर का दर्जा और हेल्परों को चौथे दर्जे का ग्रेड दिया जाए। सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिए जाने तक आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को केंद्रीय कानून मुताबिक कम से कम वेतन अनुसार 28258 रुपए और हेल्परों को 25560 रुपए मानदेय भत्ता हर महीने दिया जाए।
300 दिन दिया जाए राशन
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों अनुसार लाभार्थियों को दिया जाने वाला राशन महंगाई सूचक अंक के साथ जोड़कर साल में 300 दिन दिया जाए। आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को पेंशन, ग्रेच्युटी और स्वास्थ्य आदि सहूलियतें दी जाएं। आंगनबाड़ी सेंटरों की इमारतें आधुनिक सहूलियतों वाली बनाई जाएं।