चंडीगढ़ (Chandigarh), 23 जनवरी (The News Air): पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab & Haryana High Court) में सांसद और “वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)” संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने एक याचिका दायर की है। उन्होंने संसद सत्र (Parliament Session) और गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Celebrations) में शामिल होने की इजाजत मांगी है।
अमृतपाल सिंह ने तर्क दिया कि वह खडूर साहिब (Khadoor Sahib) से निर्वाचित सांसद हैं और 19 लाख से ज्यादा मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेना उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है।
पिछले केस ने बढ़ाई अमृतपाल की मुश्किलें
अमृतपाल सिंह पहले से ही विवादों में घिरे हैं। गुरप्रीत सिंह हरीनौ हत्याकांड (Gurpreet Singh Harinau Murder Case) में उन्हें नामजद किया गया है।
पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने इस केस में:
- सांसद अमृतपाल सिंह
- आतंकी अर्श डल्ला (Arsh Dalla)
- और अन्य आरोपियों के खिलाफ UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) की धारा लगाई है।
गुरप्रीत सिंह हरीनौ की हत्या 9 अक्टूबर 2024 को मोटरसाइकिल सवारों ने कर दी थी। इस मामले में अब तक दोनों शूटरों, रेकी करने वाले तीन आरोपियों और उनके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया है।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम’ के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह, जो वर्तमान में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल (Dibrugarh Central Jail) में बंद हैं, पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (National Security Act) लगाया गया है।
याचिका में उन्होंने कहा,
“संसद सत्रों और गणतंत्र दिवस समारोह में मेरी भागीदारी राष्ट्रीय महत्व का मामला है। यह लोकतंत्र और संविधान के मौलिक मूल्यों का प्रतीक है।”
‘विधानसभा में भाग लेना मेरा कर्तव्य है’: अमृतपाल सिंह
अमृतपाल सिंह ने कहा कि एक निर्वाचित सांसद होने के नाते, वह संसद सत्रों में भाग लेकर अपने क्षेत्र के लोगों की चिंताओं को उठाना चाहते हैं।
उन्होंने तर्क दिया,
“यह मेरा संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य है कि मैं संसद में भाग लूं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करूं।”
अमृतपाल सिंह का संसद में भाग लेने का अनुरोध खारिज
अमृतपाल ने बताया कि उन्होंने 30 नवंबर 2024 को लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) को औपचारिक रूप से संसदीय सत्रों में भाग लेने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। अब हाई कोर्ट में उनकी याचिका का फैसला उनके राजनीतिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए अहम साबित हो सकता है।
क्या है ‘Waris Punjab De’?
अमृतपाल सिंह ने दो हफ्ते पहले ‘शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal)’ के सहयोग से ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना की थी। यह संगठन पंजाबी समुदाय और सिख अधिकारों के लिए काम करने का दावा करता है।
अमृतपाल सिंह की याचिका ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर उन पर गंभीर आरोप हैं, वहीं दूसरी ओर वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की बात कर रहे हैं। कोर्ट का फैसला उनके राजनीतिक करियर के लिए अहम साबित होगा।
क्या अमृतपाल को संसद में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए? अपनी राय जरूर दें।