Amritpal Singh CM Candidate 2027 : पंजाब (Punjab) की खडूर साहिब (Khadoor Sahib) लोकसभा सीट से सांसद और फिलहाल असम (Assam) की जेल में बंद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को लेकर बड़ी राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। अकाली दल (Waris Punjab De) ने रविवार को घोषणा की कि वे अमृतपाल सिंह को 2027 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारेंगे। यह घोषणा तलवंडी साबो (Talwandi Sabo) में आयोजित बैसाखी सम्मेलन के दौरान की गई, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं को सिंह के समर्थन में प्रचार करने का आह्वान किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, फरीदकोट (Faridkot) से सांसद सरबजीत सिंह खालसा (Sarbjeet Singh Khalsa) ने पार्टी से जुड़े लोगों से अपील की कि वे अगले डेढ़ साल तक अमृतपाल सिंह का प्रचार करें। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह ही पंजाब के भविष्य का नेतृत्व कर सकते हैं और उन्हें जनता के बीच ले जाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी और 92 सीटों पर कब्जा कर कांग्रेस (Congress) को सत्ता से बाहर कर दिया था। कांग्रेस मात्र 18 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में अकाली दल को केवल 3 सीटें और भाजपा को 1 सीट मिली थी।
अमृतपाल सिंह को 2023 में अमृतसर (Amritsar) के बाहरी इलाके के एक पुलिस थाने पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद असम के डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें वहां की जेल में भेज दिया गया। तब से वे एनएसए (NSA) के तहत एक साल से अधिक समय से हिरासत में हैं।
इसी बीच, अमृतपाल सिंह के करीबी पपलप्रीत सिंह (Papalpreet Singh) को भी एक बार फिर हिरासत में लिया गया है। अजनाला (Ajnala) की एक अदालत ने उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। पपलप्रीत को 9 अप्रैल को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल से रिहाई के बाद तुरंत गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद उन्हें 2023 अजनाला पुलिस स्टेशन हमले के मामले में पकड़ा गया और अमृतसर लाया गया। उल्लेखनीय है कि पपलप्रीत को अप्रैल 2023 में कथुनांगल (Kathunangal) से गिरफ्तार किया गया था, जब ‘वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)’ संगठन पर कार्रवाई चल रही थी। वह अमृतपाल का प्रमुख सलाहकार माना जाता है।
इन घटनाओं से साफ है कि भले ही अमृतपाल सिंह जेल में हों, लेकिन पंजाब की राजनीति में उनकी सक्रियता और समर्थन लगातार बढ़ रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में यह दाव कितना कारगर साबित होता है और क्या जनता उन्हें बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करती है।