Amit Shah Speech in Lok Sabha: देश की संसद में Electoral Reforms और एसआईआर के मुद्दे पर एक बार फिर जोरदार हंगामा बरपा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़े गए। राहुल गांधी ने जब सरकार पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, तो अमित शाह ने पलटवार करते हुए नेहरू, इंदिरा और सोनिया गांधी से जुड़े तीन पुराने किस्से सुनाकर पूरे सदन को सन्न कर दिया।
वोट चोरी के तीन ऐतिहासिक किस्से
अमित शाह ने सदन में कहा कि वे विपक्ष को बताना चाहते हैं कि असली वोट चोरी क्या होती है। उन्होंने पहला किस्सा आजादी के बाद का सुनाया। शाह ने दावा किया कि जब देश का Prime Minister चुना जाना था, तब कांग्रेस की प्रांतीय कमेटियों में सरदार पटेल को 28 वोट मिले थे, जबकि जवाहरलाल नेहरू को सिर्फ 2 वोट मिले थे। इसके बावजूद, जनमत को दरकिनार करते हुए जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बन गए। शाह ने इसे वोट चोरी का पहला और बड़ा उदाहरण बताया।
इंदिरा गांधी और इमरजेंसी का जिक्र
गृह मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने दूसरा उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दिया। उन्होंने बताया कि जब इलाहाबाद High Court ने इंदिरा गांधी के चुनाव को रद्द कर दिया था और माना था कि उन्होंने उचित तरीके से चुनाव नहीं जीता है, तब उन्होंने इस्तीफा देने के बजाय संविधान में बदलाव कर दिया। शाह ने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने PM को Immunity देने वाला कानून पास करवाया और यहां तक कि जजों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर अपनी पसंद के जज को Chief Justice बना दिया ताकि वे केस जीत सकें।
सोनिया गांधी की नागरिकता पर सवाल
अमित शाह ने ‘वोट चोरी’ का तीसरा उदाहरण देते हुए सोनिया गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की Civil Court में एक Dispute पहुंचा है, जिसमें यह बात सामने आई है कि सोनिया गांधी देश की नागरिक (Citizen) बनने से पहले ही वोटर बन गई थीं। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि जब योग्यता न हो और आप वोटर बन जाएं, तो यह भी एक प्रकार की वोट चोरी ही है।
पीएम मोदी ने की शाह की तारीफ
संसद में अमित शाह के इस आक्रामक भाषण के बाद Prime Minister नरेंद्र मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने शाह के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि गृह मंत्री का भाषण उत्कृष्ट (Excellent) था। मोदी ने कहा कि शाह ने ठोस तथ्यों (Facts) के साथ हमारी चुनाव प्रक्रिया और Democracy की ताकत को उजागर किया है और विपक्ष के झूठ की पोल खोल दी है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब सदन में Electoral Reforms और एसआईआर (SIR) पर चर्चा हो रही थी। सरकार का कहना है कि एसआईआर के जरिए घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं, जिसकी वजह से देश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एसआईआर के मुद्दे पर भ्रम फैलाया जा रहा है। इसी बहस के दौरान राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, जिसके जवाब में अमित शाह ने इतिहास के पन्नों से ये तीन उदाहरण पेश किए।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमित शाह ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों का जवाब नेहरू-इंदिरा के उदाहरणों से दिया।
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शाह ने दावा किया कि सरदार पटेल को ज्यादा वोट मिलने के बाद भी नेहरू PM बने।
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इंदिरा गांधी द्वारा Emergency के दौरान कोर्ट के फैसले को पलटने का जिक्र किया गया।
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सोनिया गांधी के नागरिकता से पहले वोटर बनने का मुद्दा भी संसद में उठाया गया।






