Longest Serving Home Minister के तौर पर अमित शाह (Amit Shah) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सांसदों की एक साल बाद हुई बैठक में इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि अब तक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “अभी तो बस शुरुआत है, हमें लंबा रास्ता तय करना है।”
पीएम मोदी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का नया दौर शुरू कर दिया। कई सांसदों ने इस बयान के संभावित मायनों पर विचार किया, जबकि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने स्पष्ट किया कि “अभी तो बस शुरुआत है” वाली टिप्पणी प्रधानमंत्री ने गठबंधन की मजबूती को लेकर की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में एनडीए गठबंधन को “प्राकृतिक” करार देते हुए कहा कि यह गठबंधन 1998 में बना था और तब से अब तक कई सफलताएं हासिल की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी दलों को चाहे जिस भी क्षेत्र में मज़बूती या कमजोरी हो, पूरे देश में मिलकर काम करना चाहिए।
शाह का रिकॉर्ड और उपलब्धियां
अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (L.K. Advani) को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल से अब तक अमित शाह ने गृह मंत्रालय (Home Ministry) संभाल रखा है और वह लगातार इस पद पर इतने समय तक बने रहने वाले पहले मंत्री हैं।
एनडीए की यह मीटिंग करीब एक साल बाद हुई, पिछली मीटिंग 2 जुलाई 2024 को हुई थी। इस महत्वपूर्ण बैठक में शाह की तारीफ को बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर उनकी निर्णायक नीतियों और अभियानों के संदर्भ में।
उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले लिए गए, जिनमें सबसे प्रमुख 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) का हटाया जाना रहा है, जिससे जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था। साथ ही, शाह ने नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ भी निर्णायक रुख अपनाया और घोषणा की कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सल समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर और महादेव की भी हुई चर्चा
एनडीए की इस बैठक में हाल ही में हुई सैन्य कार्यवाही ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की सफलता पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके अलावा आतंकवादियों के खात्मे के लिए हुए ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) पर भी चर्चा की गई। पीएम मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग करना विपक्ष की बड़ी भूल थी।
इसके साथ ही एनडीए नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया और भविष्य की योजनाओं पर गहन चर्चा की।






