UP Excise Policy 2025 Impact: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने एक नई करवट ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा लागू की गई पारदर्शी और निवेश के अनुकूल आबकारी नीति ने प्रदेश की तस्वीर बदल कर रख दी है। यह केवल शराब या राजस्व तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने प्रदेश को औद्योगिक विकास की एक नई दौड़ में सबसे आगे खड़ा कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 में आर्थिक गतिविधियों ने जो रफ्तार पकड़ी है, उसके पीछे राज्य की मजबूत Excise Policy का बहुत बड़ा हाथ है। सरकार ने स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स, टेक्नोलॉजी के उपयोग और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) पर जो जोर दिया, उसके नतीजे अब जमीन पर दिखने लगे हैं। शराब, बीयर, वाइन और अल्कोहल आधारित उद्योगों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा असर यह हुआ है कि उत्तर प्रदेश अब राष्ट्रीय स्तर पर Ethanol Production के मामले में शीर्ष राज्यों में स्थापित हो गया है।
रिकॉर्ड तोड़ एथेनॉल उत्पादन और सप्लाई
आंकड़े इस सफलता की कहानी खुद बयां कर रहे हैं। प्रदेश में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 141 करोड़ लीटर Ethanol का उत्पादन किया गया है। यह आंकड़ा अपने आप में एक रिकॉर्ड है। सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि बिक्री के मोर्चे पर भी यूपी ने झंडे गाड़े हैं। राज्य में 105.25 करोड़ लीटर एथेनॉल की बिक्री दर्ज की गई है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश अब दूसरे राज्यों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। प्रदेश से बाहर 40.96 करोड़ लीटर एथेनॉल की Supply की गई है। इन आंकड़ों ने यूपी को देश का सबसे भरोसेमंद Ethanol Hub बना दिया है। इसका फायदा न केवल उद्योगों को मिल रहा है, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त बूस्ट मिला है।
निवेशकों की पहली पसंद बना यूपी
बड़े कॉर्पोरेट घरानों से लेकर मझोले उद्योगों तक, हर कोई अब यूपी के अल्कोहल आधारित सेक्टर में निवेश करने को उत्सुक है। आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह के अनुसार, निवेश को लेकर उत्साह चरम पर है। अब तक 125 एमओयू (MoU) साइन किए जा चुके हैं, जिनके तहत 30,735 करोड़ रुपये का Investment प्रक्रिया में है। इसमें से 43 प्रोजेक्ट्स तो लॉन्च के लिए बिल्कुल तैयार हैं, जिनके लिए जमीन भी आवंटित की जा चुकी है। इन ‘रेडी टू लॉन्च’ प्रोजेक्ट्स के जरिए 6,898 करोड़ रुपये का निवेश आगे बढ़ रहा है।
रोजगार के खुल रहे नए द्वार
सरकार की इस नीति का सबसे सुखद पहलू यह है कि यह सीधे तौर पर आम आदमी और युवाओं के रोजगार से जुड़ी है। वर्तमान में ‘इन्वेस्ट यूपी’ (Invest UP) के अंतर्गत 19 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिनमें 2,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है और इनसे सीधे तौर पर 4,800 Employment (रोजगार) सृजित हुए हैं। इसके अलावा, गैर-एमओयू कैटेगरी में भी 28 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिनमें 2,752 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। आबकारी क्षेत्र में आ रहे नए निवेश प्रस्तावों से भविष्य में 9,940 से अधिक नए रोजगार बनने की संभावना है। इससे स्थानीय युवाओं को अपने घर और प्रदेश में ही नौकरी के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
जानें पूरा मामला
योगी सरकार ने 2025 में प्रदेश की राजस्व प्रणाली को मजबूत करने और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एक पारदर्शी आबकारी नीति अपनाई। इसका उद्देश्य केवल टैक्स वसूलना नहीं, बल्कि अल्कोहल आधारित उद्योगों (Distilleries) को बढ़ावा देकर एथेनॉल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना और रोजगार पैदा करना था। यह नीति मुख्यमंत्री की आर्थिक दृष्टि और राजस्व प्रबंधन की क्षमता का परिणाम है।
मुख्य बातें (Key Points)
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यूपी में रिकॉर्ड 141 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ।
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अन्य राज्यों को 40.96 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई की गई।
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125 एमओयू साइन हुए, जिसमें 30,735 करोड़ का निवेश प्रोसेस में है।
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मौजूदा प्रोजेक्ट्स से 4800 से ज्यादा रोजगार सृजित हो चुके हैं।






