चंडीगढ़ (Chandigarh) 25 जनवरी (The News Air): गणतंत्र दिवस (Republic Day) से ठीक पहले, पंजाब में दल खालसा (Dal Khalsa) और शिरोमणि अकाली दल अमृतसर (Shiromani Akali Dal Amritsar) के नेताओं को पुलिस द्वारा नजरबंद कर दिया गया है। इन संगठनों ने 25 और 26 जनवरी को गुरदासपुर (Gurdaspur), जालंधर (Jalandhar) और मनसा (Mansa) जिलों में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी।
पुलिस ने बीती रात कई अकाली नेताओं के घरों का घेराव कर दिया। बठिंडा (Bathinda) में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के जिला अध्यक्ष परमिंदर सिंह वालेवाली (Parminder Singh Walewali) को भी उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है।
अकाली नेताओं की मांगें क्या हैं?
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर और दल खालसा की ओर से यह प्रदर्शन बंद सिखों की रिहाई और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी (Sri Guru Granth Sahib Ji) की बेअदबी (sacrilege) के मामलों में न्याय की मांग को लेकर किया जा रहा है।
परमिंदर सिंह वालेवाली ने कहा: “पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार हमारी मांगों को दबाने की कोशिश कर रही है। यह सरकार हमें धमकियां दे रही है। लेकिन हम अपने हक के लिए खड़े रहेंगे।”
इनकी प्रमुख मांगें:
- बंद सिखों की रिहाई (Release of Sikh prisoners): पंजाब में कई सिख नेता और धार्मिक व्यक्ति कई वर्षों से जेल में बंद हैं। इनकी रिहाई को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।
- बेअदबी मामलों में न्याय (Justice for sacrilege cases): बेअदबी के पुराने मामलों में न्याय दिलाने की मांग लंबे समय से चल रही है।
कैसे किया गया नजरबंद?
- पुलिस ने देर रात अकाली नेताओं के घरों का घेराव किया।
- परमिंदर सिंह वालेवाली (Parminder Singh Walewali) के घर के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया।
- सुबह से ही कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया।
वालेवाली ने आरोप लगाया: “सरकार हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक रही है। हमारी मांगें वैध हैं, लेकिन हमें धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”
प्रदर्शन की योजना
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर और दल खालसा ने 25 और 26 जनवरी को तीन जिलों में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी।
- गुरदासपुर (Gurdaspur): प्रमुख धार्मिक स्थलों के पास धरना।
- जालंधर (Jalandhar): प्रमुख सड़कों पर मार्च।
- मनसा (Mansa): विरोध रैली और सार्वजनिक संबोधन।
प्रदर्शन के माध्यम से सरकार पर दबाव डालने की कोशिश थी, ताकि बंद सिखों की रिहाई और बेअदबी मामलों में न्याय सुनिश्चित हो सके।
सरकार और प्रशासन का पक्ष
पंजाब पुलिस ने इन कदमों को सुरक्षा कारणों (security reasons) से उठाने की बात कही है। गणतंत्र दिवस से पहले राज्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा: “हम राज्य की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं। किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी।”
आंदोलनकारियों की रणनीति
अकाली नेताओं ने कहा है कि वे किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे। यदि प्रदर्शन को रोका गया, तो वे इसे राज्यभर में फैलाने की योजना बना रहे हैं।
- प्रदर्शन को और बड़े स्तर पर ले जाने के लिए वे किसान संगठनों (Farmer Organizations) से भी समर्थन मांग सकते हैं।
- साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है।
26 जनवरी को प्रदर्शन पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व पर इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से सरकार और आंदोलनकारियों के बीच तनाव बढ़ सकता है।
हालांकि, अकाली नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण (Peaceful) और संगठित (Organized) रहेगा।
पंजाब में गणतंत्र दिवस से पहले शिरोमणि अकाली दल अमृतसर और दल खालसा के नेताओं को नजरबंद करना राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। यह देखना होगा कि सरकार और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत से कोई समाधान निकलता है या आंदोलन और तेज होता है।
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