मुंबई, 19 अप्रैल (The News Air): महाराष्ट्र में फैमिली फाइट के लिए सुर्खियों में बनी बारामती सीट पर महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि 18 अप्रैल को सुनेत्रा अजित पवार के नामांकन के बाद अजित पवार ने वोट देने पर ही फंड जारी करने का बयान दिया। फंड के बदले वोट को लेकर महाराष्ट्र में अब विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के नेता रोहित पवार ने अजित पवार के इस बयान को आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंडे ने भी अजित पवार के बयान की आलोचना की है।
महायुति ने किया था शक्ति प्रदर्शन
बारामती में सुनेत्रा पवार के नामांकन से पहले महायुति के तीनों बड़े चेहरे मौजूद रहे थे। इस मौके पर सीएम एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि इस बार बारामती में बदलाव निश्चित है। सुनेत्रा को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक पाएगा। बारामती में पत्नी के नामांकन के बाद देर रात अजित पवार ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगर मतदाता समर्थन करेंगे तो ही वह विकास निधि जारी करेंगे। विपक्षी दलों ने उन पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
रोहित पवार ने पूछा सवाल
रोहित पवार ने अजित पवार से सवाल किया है कि दादा किस फंड की बात कर रहे हैं? क्या ये फंड उनके दोस्तों के पास हैं या ये सरकारी विकास फंड हैं? चूंकि जनता समर्थन नहीं कर रही है, इसलिए अब फंड रोकने की धमकी देना आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंडे ने पूछा है कि डिप्टी सीएम चुनाव के दौरान ऐसे बयान कैसे दे सकते हैं? उन्होंने अनिवार्य रूप से मतदाताओं को धमकी देते हुए कहा है कि यदि उन्होंने उनकी पत्नी को वोट नहीं दिया, तो वह धन रोक देंगे। यह लोकतंत्र और चुनाव आचार संहिता का मजाक है। लोंडे ने कहा कि कहा कि उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई करेगा ताकि कोई मतदाताओं को धमकी न दे सके। हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की ज़रूरत है, जो फिलहाल नहीं हो रहा है।