Delhi Blast Politics : दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण विस्फोट ने देश को स्तब्ध कर दिया है। इस संदिग्ध आतंकी हमले में 8 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन इस त्रासदी से भी घातक वह ‘एजेंडा वॉर’ है, जो नेताओं और सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है। NIA और NSG अभी जांच में जुटी ही थीं कि विपक्ष के कई नेताओं ने इसे ‘मोदी सरकार की नाकामी’ बताना शुरू कर दिया।
‘अमित शाह इस्तीफा दो’
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने घटना के कुछ ही घंटों के अंदर ‘X’ (पहले ट्विटर) पर अमित शाह का इस्तीफा मांग लिया। उन्होंने लिखा, “गृह मंत्री बिहार चुनावों में व्यस्त हैं, पीएम भूटान में जन्मदिन मना रहे हैं… यह मोदी सरकार की नाकामी है!”
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने इसे ‘एनडीए का ड्रामा’ बताते हुए बिहार चुनाव से ध्यान भटकाने की साजिश करार दे दिया। टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने भी इसे 26/11 जैसी ‘सुरक्षा चूक’ बताया। ये बयान सोशल मीडिया पर #ResignAmitShah को ट्रेंड कराने लगे।
9/11 और 7/7 से क्यों नहीं लेते सबक?
ऐसी घड़ी में भारतीय नेताओं का यह बर्ताव अमेरिका के 9/11 (2001) और लंदन के 7/7 (2005) धमाकों के बिल्कुल उलट है। 9/11 हमले के बाद विपक्षी डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति बुश (रिपब्लिकन) पर हमला करने की बजाय एकजुटता दिखाई थी। लंदन धमाकों के वक्त भी विपक्षी कंजर्वेटिव्स ने प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की सरकार का साथ दिया था। इन दोनों देशों में ‘राष्ट्रीय एकता’ ने राजनीति को पीछे छोड़ दिया था।
बिहार चुनाव से जोड़ने का खतरनाक ट्रेंड
इस धमाके को सीधे बिहार विधानसभा चुनावों से जोड़ने की कोशिशें भी की जा रही हैं, जहां आज अंतिम चरण की वोटिंग हो रही है। विपक्ष इसे ‘सुरक्षा चूक’ बताकर एनडीए पर हमलावर है, वहीं सोशल मीडिया पर #BiharElectionsDistraction जैसे हैशटैग चलाए जा रहे हैं, जिसमें इसे ‘फर्जी फ्लैग’ (सरकारी साजिश) बताया जा रहा है।
यह खतरनाक ट्रेंड न केवल जांच एजेंसियों को प्रभावित करता है, बल्कि बिहार जैसे राज्य में, जहां मुस्लिम वोट बैंक अहम है, यह साम्प्रदायिक तनाव भी भड़का सकता है।
नतीजों तक पहुंचने की जल्दबाजी
यह सोशल मीडिया युग की महामारी है कि जांच पूरी होने से पहले ही ‘नतीजे’ घोषित कर दिए जाते हैं। घटना के 24 घंटे के भीतर ही #ModiConspiracy और #PakistaniPlot जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। यह जल्दबाजी सच्चाई को कुचलती है और समाज को बांटने का काम करती है।
मुख्य बातें (Key Points):
- दिल्ली ब्लास्ट में 8 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद विपक्ष ने इसे ‘सरकार की नाकामी’ बताया है।
- संजय सिंह (AAP) ने अमित शाह का इस्तीफा मांगा, पप्पू यादव ने इसे बिहार चुनाव से ध्यान भटकाने का ‘ड्रामा’ कहा।
- इस राजनीतिक बयानबाजी की तुलना 9/11 और 7/7 हमलों के बाद दिखी राष्ट्रीय एकता से की जा रही है।
- सोशल मीडिया पर इसे ‘सरकारी साजिश’ और ‘फर्जी फ्लैग’ बताने का खतरनाक ट्रेंड चल रहा है।






