Shashi Tharoor on BJP Speculations after Modi Praise — कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सार्वजनिक रूप से तारीफ करने के बाद उठे भाजपा में शामिल होने के कयासों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल नहीं हो रहे हैं।
दरअसल, शशि थरूर ने एक लेख में ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ के बाद सरकार द्वारा किए गए डिप्लोमैटिक आउटरीच (Diplomatic Outreach) की प्रशंसा की थी। इस लेख में थरूर ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक सक्रियता और ऊर्जा भारत की वैश्विक पहचान को सशक्त बना रही है। इसी को लेकर यह अटकलें तेज हो गई थीं कि थरूर बीजेपी के करीब आ रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा कि यह लेख किसी पार्टी विशेष के समर्थन में नहीं है, बल्कि भारत की एकजुट विदेश नीति को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा, “मैंने 11 साल पहले जब संसद की विदेश मामलों की समिति (Parliamentary Committee on External Affairs) का अध्यक्ष बना था, तब भी यही बात कही थी कि विदेश नीति दलगत राजनीति से ऊपर होती है। यह संकेत नहीं है कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी में जा रहा हूं।”
थरूर ने अंग्रेजी अख़बार ‘द हिंदू (The Hindu)’ के लिए लिखे गए अपने लेख में स्पष्ट रूप से कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का विदेशों से संपर्क एक मजबूत राष्ट्रीय संकल्प और संवाद का उदाहरण था। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, संवाद की तत्परता और वैश्विक मंच पर उपस्थिति भारत की कूटनीतिक पूंजी है, जिसे और समर्थन मिलना चाहिए।”
इस लेख के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इसे सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और लिखा कि “लोकसभा सदस्य और पूर्व मंत्री डॉ. शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वैश्विक प्रयासों को लेकर विचार साझा किए हैं।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी (Pradeep Bhandari) ने कहा कि थरूर ने स्वीकार किया है कि पीएम मोदी का वैश्विक दृष्टिकोण और बहुआयामी व्यक्तित्व भारत के लिए रणनीतिक लाभ हैं। उन्होंने आगे कहा कि शशि थरूर ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की रणनीति को भी चुनौती दी है।
शशि थरूर की ओर से इस स्पष्टीकरण के बाद स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने का मतलब राजनीतिक पक्ष बदलना नहीं है। यह कदम राष्ट्रीय हितों के समर्थन में था और दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर दिया गया एक निष्पक्ष और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है।