Pakistan Blames India SAARC: अपनी गिरती अर्थव्यवस्था और International Forum पर लगातार हो रही किरकिरी से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा नजरअंदाज किए जाने और मीटिंग से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद, बौखलाए पाकिस्तान ने अब दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की विफलता का ठीकरा भारत के सिर फोड़ने की कोशिश की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को हाल ही में एक International Forum पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पहले पुतिन ने उन्हें मिलने के लिए 40 मिनट तक इंतजार कराया। इसके बाद, जब शहबाज जबरन मीटिंग रूम में घुसे, तो महज 10 मिनट के अंदर उन्हें बाहर भेज दिया गया।
अपनी बेइज्जती छिपाने का नया पैंतरा
इस अपमान को पचाने के बजाय, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह SAARC की प्रक्रिया को बाधित कर रहा है। उनका दावा है कि भारत के रवैये के कारण 2014 के बाद से कोई शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया है। लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान अपनी नाकामियों और आतंकवाद को छिपाने के लिए यह ड्रामा कर रहा है। दुनिया जानती है कि इस पूरे विवाद का असली विलेन कौन है।
क्यों रुका हुआ है सार्क सम्मेलन?
सार्क के ठप होने की असली वजह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद है। साल 2016 में जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने उरी में हमला किया था, तो भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए इस्लामाबाद में होने वाले 19वें SAARC Summit का बहिष्कार कर दिया था। भारत का समर्थन करते हुए बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया, जो इस संगठन के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ।
भारत का कड़ा संदेश: आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं
भारत का स्टैंड बिल्कुल साफ है—बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर लगाम नहीं कसता, तब तक किसी भी सहयोग की गुंजाइश नहीं है। अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को और भी कड़ा सबक सिखाया है।
सिंधु जल संधि और वीजा पर एक्शन
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने SAARC वीजा छूट योजना को स्थगित कर दिया, 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को निलंबित किया और अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया। यह पाकिस्तान को सीधा संदेश था कि आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी। बावजूद इसके, शहबाज शरीफ और उनके विदेश मंत्री ईशाक डार बाज नहीं आ रहे और भारत को घेरने की नाकाम कोशिशों में लगे हैं।
BIMSTEC से डर और चीन का सहारा
पाकिस्तान की घबराहट की एक बड़ी वजह BIMSTEC (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव) भी है। भारत अब SAARC की जगह BIMSTEC को प्राथमिकता दे रहा है, जिसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है। इससे पाकिस्तान का क्षेत्रीय महत्व खत्म हो रहा है। अपनी खिसियाहट में अब वह चीन और बांग्लादेश के साथ मिलकर एक ‘भारत विहीन गठबंधन’ बनाने के ख्याली पुलाव पका रहा है। साथ ही, आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान ‘दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय’ का अपना कोटा भी नहीं भर पा रहा है, जबकि भारत वहां 90% फंड देता है।
जानें पूरा मामला
यह विवाद सिर्फ एक सम्मेलन का नहीं, बल्कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता का है। वह मोटर वाहन और रेलवे जैसे कनेक्टिविटी समझौतों को रोकता है, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास थमता है। अब जब दुनिया उससे किनारा कर रही है, तो वह भारत पर झूठे आरोप लगाकर अपनी जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Humiliation: पुतिन ने शहबाज शरीफ को 40 मिनट इंतजार कराया और 10 मिनट में मीटिंग खत्म कर दी।
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Accusation: पाकिस्तान ने भारत पर SAARC शिखर सम्मेलन को रोकने का आरोप लगाया है।
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Reality: उरी और पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के कारण भारत ने पाकिस्तान के साथ सहयोग बंद किया है।
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Action: अप्रैल 2025 के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की और अटारी बॉर्डर बंद कर दिया।






