- बिजली बिलों में बढ़ोतरी से पहले से ही मूल्य वृद्धि से जूझ रहे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा
चंडीगढ़, 5 अप्रैल (The News Air) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का तहे दिल से विरोध करने का आह्वान किया है, जिसमें पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) को हर बिलिंग चक्र में बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाया गया है।
बाजवा ने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि मान ने विनम्रतापूर्वक केंद्र सरकार के आदेशों के आगे घुटने टेक दिए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली नियम 2023 में संशोधन किया है और राज्य नियामक आयोगों को बिजली की दरों में वृद्धि करने की शक्तियां दी हैं, जब भी जरूरत हो और आवश्यकता हो।
बाजवा ने कहा यह वास्तव में आश्चर्यजनक है। भगवंत मान सरकार एक तरफ एक वर्ग के लोगों को मुफ्त बिजली दे रही है तो दूसरी तरफ बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी की योजना बनाकर दूसरे तबकों पर दबाव और बोझ डाल रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार 10 मई को होने वाले आगामी जालंधर लोकसभा उपचुनाव के कारण बिजली दरों में वृद्धि में देरी जरूरी हो गई है।
बाजवा ने आगे कहा, हालांकि, एक बार बिजली दरों में बढ़ोतरी के आदेश की घोषणा हो जाने के बाद यह उपभोक्ताओं पर 1 अप्रैल है।पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा !
बाजवा ने मीडिया में आई खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि थर्मल पावर प्लांटों के लिए बिजली की खरीद और ईंधन की खरीद पर स्टेट पावर यूटिलिटी द्वारा किए गए अतिरिक्त खर्च के लिए उपभोक्ताओं को भुगतान करना होगा। अतिरिक्त लागत उपभोक्ताओं को भेजे जाने वाले बिजली बिलों में शामिल की जाएगी।
इसके कारण हर बिलिंग चक्र में बिजली की दरें अलग-अलग होंगी। हर साल जुलाई से सितंबर तक, जब कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग में भारी वृद्धि होती है और राज्य बिजली उपयोगिता उस मांग को पूरा करने के लिए पावर एक्सचेंज पर महंगी बिजली खरीदती है, तो बिजली खरीद पर होने वाली अतिरिक्त लागत को उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा !