नई दिल्ली, 18 अगस्त (The News Air)
अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के सुसाइड मामले में घिरे कांग्रेस नेता शशि थरूर आख़िरकार साढ़े 7 साल बाद सभी आरोपों से बरी हो गए। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में शशि थरूर को बेगुनाह माना। बरी होने के बाद थरूर ने कोर्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे साढ़े 7 साल से इस टॉर्चर और दर्द से गुज़र रहे थे।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से आरोप तय करने का किया था आग्रह- दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से शशि थरूर के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने का आग्रह किया था। हालांकि, थरूर के वकील ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दलील दी है कि एसआईटी जांच में उनके मुवक्किल पूरी तरह दोषमुक्त साबित हुए हैं।
होटल में मृत मिली थी सुनंदा पुष्कर-सुनंदा पुष्कर जनवरी, 2014 में दिल्ली के एक बड़े होटल के कमरे में मृत मिली थीं। इस मामले में उनके पति शशि थरूर पर कई आरोप लगे थे। दिल्ली पुलिस ने थरूर के ख़िलाफ़ पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज़ किया था। इस मामले में थरूर को ज़मानत लेनी पड़ी थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस को जांच के दौरान कोई ऐसा सबूत नहीं मिला था जो थरूर के ख़िलाफ़ हो।
अगर आरोप साबित हो जाते– अगर कांग्रेस नेता पर सुनंदा पुष्कर को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप साबित हो जाते, तो उन्हें 10 साल तक की क़ैद हो सकती थी। थरूर पर सुनंदा के साथ बुरा बर्ताव करने और मारपीट तक करने का आरोप लगा था। यह हाईप्रोफाइल मामला मीडिया की सुरख़ियों में बना रहा। 29 सितंबर, 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि मौत की वजह ज़हर है। हालांकि अब यह कभी सामने नहीं आ पाएगा कि सुनंदा ने सुसाइड क्यों किया?