Japan Earthquake and Tsunami Prediction: जापान (Japan) के टोकारा द्वीप समूह (Tokara Islands) में पिछले दो हफ्तों में आए 1000 से अधिक भूकंपों ने पूरे क्षेत्र में खौफ फैला दिया है। 21 जून से लगातार महसूस हो रही इन भूकंपीय गतिविधियों ने लोगों की नींद उड़ा दी है। ऊपर से ‘जापानी बाबा वेंगा (Japanese Baba Vanga)‘ कही जाने वाली मंगा कलाकार रियो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) की सुनामी की भविष्यवाणी ने डर और बढ़ा दिया है। इस भविष्यवाणी के अनुसार 5 जुलाई 2025 को एक भयंकर सुनामी आने की आशंका जताई गई है।
टोकारा द्वीप (Tokara Islands) की स्थिति क्यूशू (Kyushu) के दक्षिण में Pacific Ring of Fire पर है, जहां कई टेक्टोनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (Japan Meteorological Agency – JMA) के अनुसार 21 जून से 3 जुलाई तक 1000 से अधिक झटके दर्ज किए गए। इनमें से कई झटके तीव्रता 1 या उससे अधिक के थे। 3 जुलाई को कागोशिमा प्रान्त (Kagoshima Prefecture) के पास आए 5.5 तीव्रता के भूकंप ने लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया।
हालांकि इन झटकों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई सुनामी चेतावनी जारी की गई है, लेकिन अकुसेकी गांव (Akuseki Village) के निवासियों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि यदि भूकंपीय गतिविधि जारी रही, तो यह अस्थायी विस्थापन लंबा भी हो सकता है।
इस स्थिति को और भयावह बना दिया है 1999 में प्रकाशित मंगा किताब “द फ्यूचर आई सॉ (The Future I Saw)” ने, जिसमें 5 जुलाई 2025 को जापान और फिलीपींस (Philippines) के बीच समुद्र में एक दरार पड़ने और इससे 2011 के तोहोकु (Tohoku) सुनामी से तीन गुना ज्यादा बड़ी आपदा की बात कही गई है। गौरतलब है कि रियो तात्सुकी ने 1995 का कोबे (Kobe) भूकंप और 2011 के तोहोकु आपदा की भविष्यवाणी भी की थी।
सोशल मीडिया पर #July5Disaster ट्रेंड कर रहा है। इससे लोगों में भूकंप, सुनामी और साइबर हमले तक की आशंका गहराती जा रही है। हांगकांग (Hong Kong) की ट्रैवल एजेंसी EGL Tours ने बताया कि जापान के लिए बुकिंग्स में भारी गिरावट आई है। कई एयरलाइनों ने उड़ानों की संख्या कम कर दी है और ग्रुप टूर की कीमतों में 20% तक की कमी देखी गई है।
हालांकि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने इस भविष्यवाणी को पूरी तरह खारिज कर दिया है। टोक्यो विश्वविद्यालय (University of Tokyo) के प्रोफेसर रॉबर्ट गेलर (Robert Geller) ने इसे “अवैज्ञानिक” बताया है। JMA के निदेशक रयोइची नोमुरा (Ryoichi Nomura) ने कहा कि आधुनिक विज्ञान के दौर में इस तरह की अफवाहें लोगों को भ्रमित करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भूकंपों का समय और स्थान वैज्ञानिक रूप से अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा (Shigeru Ishiba) और आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे शांत रहें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। टोकारा द्वीप की निवासी चिज़ुको अरिकावा (Chizuko Arikawa) ने बताया कि धरती हर रात कांप रही है और अब सोना भी मुश्किल हो गया है। 23 जून को एक ही दिन में 183 भूकंप दर्ज किए गए थे। इस पर प्रशासन ने तुरंत आपदा प्रबंधन एक्टिवेट कर दिया और लोगों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया।
भले ही वैज्ञानिक तौर पर 5 जुलाई को किसी सुनामी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लगातार हो रहे भूकंप, सोशल मीडिया का उन्माद और पूर्व की घटनाओं की स्मृति ने जापान के नागरिकों को बेहद सतर्क कर दिया है।