Afcons Infrastructure IPO: शपूरजी पलोनजी ग्रुप की कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर का पब्लिक इश्यू 25 अक्टूबर को ओपन होने वाला है। कंपनी का इरादा 5,430 करोड़ रुपये जुटाने का है। IPO खुलने से पहले एंकर इनवेस्टर्स 24 अक्टूबर को बोली लगा सकेंगे। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर की BSE, NSE पर 4 नवंबर को लिस्टिंग, प्रीमियम पर होने की उम्मीद है। investorgain.com के मुताबिक, ग्रे मार्केट में कंपनी का शेयर IPO के अपर प्राइस बैंड 463 रुपये के ऊपर 70 रुपये या 15.12 प्रतिशत के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इस बेसिस पर शेयर 533 रुपये के भाव पर लिस्ट हो सकता है।
ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं। Afcons Infrastructure IPO में 29 अक्टूबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे। IPO क्लोज होने के बाद अलॉटमेंट 30 अक्टूबर को फाइनल होगा।
प्राइस बैंड और लॉट साइज
Afcons Infrastructure में बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 440-463 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 32 शेयर है। IPO में 1,250 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। साथ ही 4,180 करोड़ रुपये के शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा। इस पब्लिक इश्यू के लिए ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड, DAM कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नोमुरा फाइनेंशियल एडवायजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड और SBI कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, रजिस्ट्रार है।
कितनी पुरानी है Afcons Infrastructure
एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर एक इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी है। इसकी शुरुआत 1959 में हुई थी। कंपनी के प्रमोटर गोस्वामी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, शपूरजी पलोनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, फ्लोरीट इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, Hermes Commerce, और Renaissance Commerce हैं। कंपनी का कारोबार ग्लोबली एशिया, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में फैला हुआ है।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
कंपनी IPO में नए शेयर जारी कर हासिल होने वाले पैसों में से 80 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट की खरीद के लिए, 320 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल जरूरतों की फंडिंग के लिए, 600 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उधारी को आंशिक रूप से चुकाने के लिए और बाकी बचे पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी।
वित्त वर्ष 2024 में Afcons Infrastructure का रेवेन्यू 6% बढ़कर 13,646.88 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 12,844.09 करोड़ रुपये था। इस बीच शुद्ध मुनाफा 9% की वृद्धि के साथ 449.76 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 410.86 करोड़ रुपये था। अप्रैल-जून 2024 तिमाही में रेवेन्यू 3,213.47 करोड़ रुपये और मुनाफा 91.59 करोड़ रुपये हो गया।
एक्सपर्ट्स की Afcons Infrastructure IPO पर क्या है राय
SBI सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा, “कंपनी वर्तमान में 12 देशों में 65 प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट कर रही है। कुल ऑर्डर बुक जून 2024 तक 31,747 करोड़ रुपये थी। ऑर्डर बुक टू सेल्स रेशियो 2.52 गुना रहा, जिससे निकट भविष्य में अच्छे रेवेन्यू की संभावना है।” आगे कहा कि कंपनी ने वित्तीय रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि वित्त वर्ष 2022-वित्त वर्ष 2024 के बीच रेवेन्यू 9.7%, EBITDA 20.8% और शुद्ध मुनाफा 12.1% सीएजीआर से बढ़कर क्रमशः 13,267.5 करोड़ रुपये, 1,365.0 करोड़ रुपये और 449.7 करोड़ रुपये हो गया है।
ब्रोकरेज फर्म के आर चोकसी ने एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर IPO को ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी जटिल इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट करने में अपने व्यापक अनुभव का फायदा उठाते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगातार विकास के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने पिछले 11 वर्षों में 17 देशों में 79 प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट किया है। के आर चोकसी ने एक बयान में कहा कि कंपनी की मजबूत विकास क्षमता, ठोस वित्तीय प्रदर्शन और बाजार विस्तार के उद्देश्य से रणनीतिक पहलों के मद्देनजर, हम IPO के लिए ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग की सिफारिश करते हैं।
एक्सिस कैपिटल ने अपने नोट में कहा कि एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने कई जटिल प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जिनमें दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे ब्रिज-चेनाब ब्रिज, समुद्र तल से 3,000 मीटर ऊपर स्थित दुनिया का सबसे लंबा हाइवे टनल-अटल टनल शामिल हैं। कंपनी कई अहम प्रोजेक्ट्स को वर्तमान में एग्जीक्यूट कर रही है, जैसे कि कोलकाता मेट्रो के तहत हुगली नदी के नीचे टनल्स की डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन, माले टू थिलाफुशी लिंक प्रोजेक्ट, मुंबई—अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए भारत के पहले अंडरसी रेल टनल समेत 21 किलोमीटर लंबा टनल। एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर की स्वस्थ ऑर्डर बुक ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन में योगदान दिया है।