The News Air- पानीपत–हरियाणा के पानीपत जिले के सिविल अस्पताल में होली वाली शाम निजी एंबुलेंस चालकों की गुंडागर्दी देखने को मिली। जहां झगड़े में घायल होकर आए लोगों के साथ निजी एंबुलेंस चालकों ने बुरी तरह से पिटाई की। एंबुलेंस चालकों ने दो युवकों को पहले इमरजेंसी वार्ड में पीटा और फिर बाहर लाकर भी मारपीट की। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हुई है।
वायरल वीडियो प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भी पहुंची। जिसके बाद उपायुक्त सुशील सारवान ने इस पर कार्रवाई करने के पहले आदेश DTO को दिए। साथ ही मामले की जांच रिपोर्ट सीएमओ से भी तलब की है। DTO ने टीम के साथ सिविल अस्पताल पहुंच 5 एंबुलेंसों पर मोटर व्हीकल एक्ट की उल्लघंना करने पर भारी जुर्माना लगाया है। यहां तक कि एंबुलेंस इंपाउंड तक भी गई हैं। इस कार्रवाई के बाद सभी निजी एंबुलेंस चालकों में हड़कंप मच गया है।
सिविल अस्पताल में निजी एंबुलेंस के दस्तावेज चेक करती डीटीओ डा. पूजा भारती व टीम।
5 एंबुलेंस पर 42 हजार ठोका जुर्माना
DTO डॉ. पूजा भारती शनिवार दोपहर बाद टीम के साथ सिविल अस्पताल पहुंची। जन सेवा दल के साथ खाली जगह पर खड़ी सभी निजी एंबुलेंसों को एका-एक चेक करना शुरू किया। पूरी कार्रवाई के दौरान कुल 9 एंबुलेंसों को चेक किया गया। जिनमें से 4 एंबुलेंस नई होने के कारण पूरी तरह फिट मिली। इन 4 एंबुलेंसों के सभी दस्तावेज भी पूरे थे। मगर 5 एंबुलेंसों में अनेकों तरह की खामिया मिली। इन पांच में से 3 एंबुलेंसों को तो जर्जर हालत में लोगों की जान जोखिम में डाल कर चलाया जा रहा था।
इन्होंने रोड टैक्स भी नहीं भरा हुआ था। सुरक्षा के मद्देनजर तीनों एंबुलेंसों पर 13-13 हजार का जुर्माना कर तीनों को ही इंपाउंड कर दिया गया है। इसके अलावा एक एंबुलेंस में फर्स्ट एड किट नहीं मिली। जिसके चलते उस पर 1 हजार का जुर्माना लगाया गया। वहीं, एक एंबुलेंस में फर्स्ट एड एवं फायर सेफ्टी किट नहीं मिली, जिसके चलते उस पर 2 हजार का जुर्माना किया गया। यानि कुल पांचों एंबुलेंसों पर 42 हजार का जुर्माना लगाया गया है।
सिविल अस्पताल में अपने मरीज का इलाज करवाने पहुंचे तीमारदार की पिटाई करता निजी एंबुलेंस चालक।
डॉक्टर मरीजों को रेफर नहीं कर रहे थे, इसलिए गुस्सा थे निजी एंबुलेंस चालक
सिविल अस्पताल में होली के दिन 167 लोग लड़ाई झगड़ों व हादसों में घायल होकर सिविल अस्पताल आए। होली के दिन एंबुलेंस चालक अस्पताल में सक्रिय थे। डॉक्टरों ने पूरे दिन में महज एक ही रोगी को खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया। बताया जा रहा है कि निजी एंबुलेंस चालकों को मरीज नहीं मिल रहे थे, इसलिए वह गुस्सा थे।