गौरतलब हो कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अकाउंटिंग फ्रॉड, स्टॉक मैनिपुलेशन समेत लोन को लेकर अडानी ग्रुप पर कई गंभीर सवाल उठाए गए थे। हिंडनबर्ग द्वारा अपनी रिपोर्ट में 88 सवाल उठाते हुए लगाए गए आरोपों का अडानी ग्रुप पर ऐसा असर हुआ कि शेयर पूरी तरह से गिर गए और 10 दिनों के भीतर अदानी ग्रुप की बनी बनाई बाजार गिर गई। शेयरों में भारी गिरावट का चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी बुरा असर पड़ा और वह दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में चौथे स्थान से टॉप-20 से बाहर हो गए। 110 अरब डॉलर से ऊपर की नेटवर्थ वाली अडानी की संपत्ति घटकर महज 58.7 अरब डॉलर रह गई है।
अडानी ग्रुप ने 413 पेज में 88 सवालों के जवाब दिये
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद मची उथल-पुथल के बाद अडानी ग्रुप ने 413 पेज में 88 सवालों के जवाब दिए थे। इसके जवाब में ग्रुप की तरफ से कहा गया कि इसे बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट सामने लाई गई है। रिपोर्ट एक झूठे विश्वास से प्रेरित है। हम सभी नियमों का पालन करते हैं और कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप की छवि खराब
वकील एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट से देश की छवि खराब हुई है। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, शेयरों में हेराफेरी, शेयरों की अधिक कीमत, खातों में हेराफेरी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।