Abu Azmi Suspension : औरंगजेब विवाद (Aurangzeb Controversy) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता अबू आजमी (Abu Azmi) पर बड़ी कार्रवाई की गई है। महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) ने उन्हें मौजूदा सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया है। अबू आजमी ने हाल ही में अपने एक बयान में मुगल शासक औरंगजेब (Aurangzeb) को महान बताते हुए कहा था कि उनके शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा तक फैली थीं। उन्होंने दावा किया था कि उस समय भारत का जीडीपी वैश्विक जीडीपी का 24% था और देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
अबू आजमी पर बीजेपी-शिवसेना का वार, विधानसभा में निलंबन प्रस्ताव पारित
अबू आजमी के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उनके बयान की निंदा करते हुए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी।
मंगलवार को एकनाथ शिंदे की पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को अबू आजमी के निलंबन का प्रस्ताव सौंपा। बुधवार को बीजेपी विधायकों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) ने इसे मंजूरी दे दी। अबू आजमी को मौजूदा सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
शिवसेना नेता संजय राउत का बड़ा दावा – “धनंजय मुंडे मामले से ध्यान हटाने के लिए दिलवाया बयान”
शिवसेना (UBT) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इस पूरे विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अबू आजमी को यह विवादित बयान इसलिए दिलवाया गया ताकि धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) मामले पर चर्चा न हो।
राउत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद धनंजय मुंडे को फोन कर इस्तीफा मांगा था। उन्होंने कहा, “धनंजय मुंडे पूरी तरह ठीक हैं। मुख्यमंत्री ने खुद उन्हें फोन कर कहा कि अगर आप इस्तीफा नहीं देंगे, तो मुझे आपको बर्खास्त करना पड़ेगा। धनंजय को मंत्री पद की शपथ दिलाना सबसे बड़ी गलती थी।”
ध्यान देने वाली बात यह है कि एनसीपी (NCP) के विधायक धनंजय मुंडे ने मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर राज्यपाल को भेज दिया। इस घटनाक्रम के बीच अबू आजमी के बयान ने नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है।
अब आगे क्या होगा?
अबू आजमी के इस निलंबन के बाद महाराष्ट्र की राजनीति और गरमाने वाली है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है, जबकि बीजेपी और शिवसेना इसे राष्ट्रवादी भावना से जोड़कर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अबू आजमी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे अपने बयान पर कायम रहते हैं या माफी मांगते हैं। साथ ही, क्या धनंजय मुंडे विवाद का असर महाराष्ट्र की राजनीति पर आगे भी दिखेगा?