चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के हजारों करोड़ रुपए के ड्रग्स मामले में फरार चल रहे AIG राजजीत सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। आरोपी राजजीत को अब आपराधिक साजिश, रिकॉर्ड में हेराफेरी व जबरन वसूली की धाराओं के तहत नामजद किया गया है।
दरअसल, साल 2017 में इंस्पेक्टर इंद्रजीत को हथियार व ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके घर की तलाशी में Ak-47, 4 किलो हेरोइन और 3 किलो स्मैक का नशा और अन्य देसी हथियार बरामद किए गए थे। इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इस मामले में AIG राजजीत सिंह पर बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत का बचाव करने, गलत रिकॉर्ड पेश करने के आरोप हैं। साथ ही बरामद नशा सामग्री से छेड़छाड़, इंद्रजीत को प्रमोशन देने और नशे के मामले में बचाव के प्रयास के आरोप भी हैं।
एक महीने में रिपोर्ट सौंपेंगे ADGP
जेल में बंद बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत और AIG राजजीत सिंह के संबंधों की जांच के लिए ADGP आरके जयसवाल के अध्यक्षता में SIT गठित की गई है। आरके जयसवाल एक महीने में मामले की जांच कर राज्य सरकार को अपनी सौंपेंगे रिपोर्ट।
STF तलाश के लिए कर रही छापामारी
आरोपी AIG राजजीत सिंह का लुकआउट सर्कुलर जारी किया जा चुका है। उसकी तलाश के लिए STF विभिन्न जिलों में छापामारी भी कर रही है। विजिलेंस ने आरोपी राजजीत और इंद्रजीत सिंह के सर्विस रिकॉर्ड को भी कब्जे में लिया है।
राजजीत और इंद्रजीत 2012 से 2017 तक एकसाथ रहे तैनात
आरोपी AIG राजजीत सिंह और इंस्पेक्टर कई जगहों पर एकसाथ तैनात रहे। साल 2012 से 2017 तक जिन जगहों पर राजजीत सिंह की तैनाती हुई, उसने इंद्रजीत सिंह को भी अपने साथ रखा। इसके लिए राजजीत सिंह सिफारिशी लेटर लिख कर इंद्रजीत की ट्रांसफर करवाता रहा है। दोनों गुरदासपुर, तरनतारन, मोगा और जालंधर एकसाथ तैनात रहे हैं।