The News Air- अमृतसर-अजनाला से विधानसभा पहुंचे कुलदीप सिंह धालीवाल ने शनिवार को मंत्री पद की शपथ ली। AAP सरकार में मंत्री बने कुलदीप सिंह धालीवाल एजुकेशन के दिनों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) के समर्थक थे और फिर उन्होंने कांग्रेस जॉइन की। 2019 में AAP की तरफ से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इन चुनावों के बाद कुलदीप सिंह धालीवाल को 2019 में मर्डर के केस में फंसाया गया तो उन्होंने अजनाला को भयमुक्त करने का प्रण लिया।
कुलदीप सिंह धालीवाल का पूरा परिवार विदेश में बस गया है। युवा रहते हुए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) के समर्थक के तौर पर उन्होंने आतंकवाद का विरोध भी किया। धालीवाल आतंकियों की हिट लिस्ट में भी रहे, 1990 में उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। हालांकि इसके बाद वह विदेश चले गए, वापस लौटे और फिर कांग्रेस के साथ काम शुरू किया। आम आदमी पार्टी जॉइन करने से पहले तक कुलदीप पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) के मेंबर थे। कुलदीप पंजाब स्टेट सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। AAP ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट बनाया, लेकिन कांग्रेस के सांसद गुरजीत औजला से हार गए।
2019 में मर्डर केस में फंसाया
2019 में कुलदीप सिंह धालीवाल पर मर्डर का केस राजा सांसी थाने में दर्ज हुआ। उन्होंने हाईकोर्ट से जमानत ली और इनक्वायरी की मांग उठाई। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ आज तक कोर्ट में चालान पेश नहीं किया। खुद को आई मुश्किलों के बाद कुलदीप धालीवाल ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भयमुक्त अजनाला का नारा दिया। लोगों को विश्वास दिलाया कि उनके सत्ता में आने पर किसी भी दुकानदार को परेशान नहीं किया जाएगा और पूरा अजनाला सुकून की सांस लेगा।
7843 वोटों से बोनी को हराया
कुलदीप सिंह धालीवाल की बात करें तो लोगों को भयमुक्त अजनाला के वायदे ने जीत की और बढ़ा दिया। उन्हें 2022 के चुनावों में कुल 43555 वोट डली। वहीं अजनाला के सीनियर नेता अमरपाल सिंह बोनी 35712 वोट ही पा सके। कांग्रेस के हरप्रताप सिंह अजनाला सिर्फ 33853 वोट ही पा सके।