नई दिल्ली: दिल्ली में जांच एजेंसियों के खिलाफ हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है। सोमवार दोपहर से TMC सड़कों पर उतर आई है और धरना दे रही हैं। आज सुबह भी TMC के नेता दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठकर अपनी मांग उठा रहे हैं। इसी बीच दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज टीएमसी नेताओं से मिलने पहुंचे और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
टीएमसी ने दिल्ली पुलिस के कार्रवाई की आलोचना की
जब दिल्ली पुलिस ने टीएमसी नेताओं को हिरासत में लिया तो कोलकाता में टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली पुलिस के इस कार्रवाई के खिलाफ राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस से मुलाकात की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ये ‘लोकतंत्र की हत्या’ है। उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की।
धरने पर बैठे हैं टीएमसी के ये नेता
जांच एजेंसियों के खिलाफ धरना दे रहे तृणमूल नेताओं में टीएमसी के 5 सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष शामिल हैं। वहीं पार्टी के तीन पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास मौजूद हैं। इनकी मांग है कि NIA डीजी और ED, CBI के डायरेक्टर को तुरंत हटाया जाए।
क्यों धरने पर हैं टीएमसी नेता
तृणमूल कांग्रेस ने जांच एजेंसियों पर आरोप लगाया है कि वो बीजेपी नीत केंद्र सरकार के इशारे पर काम करते हुए विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं। टीएमसी नेताओं का कहना है कि बीजेपी हमारे खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। जिस तरह से ईडी, सीबीआई और NIA काम कर रही है वो शर्मनाक है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर टीएमसी सोमवार को चुनाव आयोग के पास पहुंची थी कि ईडी, सीबीआई, एनआईए और इनकम टैक्स के चीफ को हटाया जाए। उसके बाद ही टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के बाहर धरने का ऐलान किया। हालांकि नेताओं के धरने पर बैठते ही दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया और सबको हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले आई। शाम होने पर पुलिस ने उन्हें जाने को कहा लेकिन टीएमसी के नेता मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन से नहीं गए और रातभर वहीं रहे। आज सुबह भी टीएमसी नेता पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।