चंडीगढ़, 11 नवंबर (The News Air) पाकिस्तान के लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव खारिज करने और उन्हें आतंकवादी बताए जाने की घटना आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
‘आप’ सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पाकिस्तान के पंजाब सरकार का यह फैसला बेहद निंदनीय है। भगत सिंह का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। भारत सरकार भी इस मामले में दखल दे और पाकिस्तान से जवाब मांगे। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी मुल्क में भगत सिंह का अपमान होगा तो आम आदमी पार्टी उसका डटकर विरोध करेगी। हम भगत सिंह और अंबेडकर की सोच पर चलने वाले लोग हैं। उनकी सोच ही हमारा बुनियादी सिद्धांत है। प्रेस कांफ्रेंस में आप पंजाब के सचिव और मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोही भी मौजूद थे।
कंग ने कहा कि भगत सिंह आजादी की लड़ाई के हीरो हैं। मात्र 23 साल की उम्र में उनकी बेमिसाल कुर्बानी के कारण ही हम उन्हें शहीद-ए-आज़म कहते हैं। दिल्ली और पंजाब में आप सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों में शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर लगाने का ऐतिहासिक फैसला किया। आज दिल्ली और पंजाब के हर सरकारी दफ्तर में उनकी तस्वीर लगी है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह सोचना चाहिए कि जिस समय भगत सिंह को फांसी हुई थी उस वक्त देश का बटवारा नहीं हुआ था।
उस वक्त यह मसला नहीं था कि भगत सिंह हिंदुस्तान के हैं या पाकिस्तान के। तब मसला सिर्फ 200 सालों से भारत पर शासन कर रहे अंग्रेजी हुकूमत से आजादी पाने का था।
कंग ने कहा कि भगत सिंह ने जब असेंबली में बम फेंकने का मकसद किसी की जान माल का नुकसान करना नहीं था बल्कि सो रही ब्रिटिश सरकार जगाना था, जो हमारे उपर अत्याचार कर रहे थे और लोगों को गुलाम बनाए हुए थे। उन्होंने अपनी जेल डायरी में कहा था, ”बाहर की ताकतें जो यहां राज कर रही है उन्हें अब देश छोड़ देना चाहिए क्योंकि हम अपना देश खुद संभाल सकते हैं। देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक ढ़ांचा कैसी हो, इसका रूपरेखा भी उनकी डायरी में मिलती है। वह देश के करोड़ों युवाओं के लिए आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने जाति-धर्म से उपर उठकर समाज और देश हित की बातें की। पाकिस्तान को उनका सम्मान करना चाहिए। पाकिस्तान के पंजाब सरकार की इस टिप्पणी की हम सख्त से सख्त शब्दों में निंदा करते हैं।
कंग ने कहा कि इस मामले का सबसे दुखदाई पक्ष ये है कि वहां की पंजाब सरकार के असिस्टेंट एडवोकेट जनरल असगर लेघारी ने लाहौर मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन की तरफ से हाईकोर्ट के रिकॉर्ड में उक्त बातें कही है। उन्होंने कहा कि मैं वहां के हाईकोर्ट से भी विनती करता हूं कि अपने रिकॉर्ड से यह टिप्पणी हटाएं ताकि भविष्य में शहीद भगत सिंह के बारे में यह घटिया बयान कहीं इस्तेमाल न हो सके। कंग ने कहा कि लाहौर की शहीद-ए-आज़म वेलफेयर सोसाइटी कई सालों से इसकी लड़ाई लड़ रही है। उनकी मांग बिल्कुल जायज है कि शादमान चौक का नाम बदलकर शहीद-ए- आजम भगत सिंह चौक रखा जाए क्योंकि भगत सिंह ने लाहौर में पढ़ाई की है, वहां की जेल में रहें। उनके नाम पर चौक का नामकरण होना ही चाहिए और वहां उनकी मूर्ति भी स्थापित होनी चाहिए।