चंडीगढ़, 25 अगस्त (The News Air) आम आदमी पार्टी यूथ विंग और सीवाईएसएस के कार्यकर्ताओं ने सीईटी (कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट) के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा का घेराव किया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर खट्टर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हरियाणा पुलिस ने उनको विधानसभा से पहले ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हुई। पुलिस ने जबरन सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान उन्होंने सीईटी की मुख्य परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने और सभी क्वालीफाई युवाओं को परीक्षा में बैठने देने की मांग की। युवाओं को रोजगार देने के नारों के साथ प्रदर्शन का नेतृत्व आम आदमी पार्टी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष यादव ने किया। उनके साथ यूथ विंग प्रदेश सचिव मोना सिवाच, सीवाईएसएस प्रदेश अध्यक्ष आयुष खटकड़ भी मौजूद रहे।
यूथ विंग प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष यादव ने कहा कि पिछले लंबे समय से सीईटी को लेकर प्रदेश के युवा परेशान हैं, इस पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए। इस ज्वलंत मुद्दे पर प्रदेश के युवा काफी समय से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और खट्टर सरकार चुप्पी साधे हुए है। खट्टर सरकार मनमान ढंग से अपने करीबियों को भर्ती करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीईटी की परीक्षा पर स्टे लगने के बावजूद सरकार ने डबल बेंच में जाकर रातों रात कोर्ट खुलवाकर मुख्य परीक्षा की अनुमति ली। उसमें भी सरकार ने बड़ा गड़बडझाला किया। सरकार अपने करीबियों को नौकरी देने के लिए लगातार प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। 6 अगस्त को हुई ग्रुप 57 की परीक्षा के 7 अगस्त को हुई ग्रुप 56 की परीक्षा में 41 सवाल रीपिट किए गए। उन्होंने सीईटी की मुख्य परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा करवाने और सभी क्वालीफाई युवाओं को परीक्षा में बैठने देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार में हरियाणा बेरोजगारी और महंगाई में नबंर एक पर है। प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 25 लाख युवा बेरोजगार हैं। 19 लाख 22 हजार बेरोजगार 20 से 24 साल की उम्र की बीच हैं। हर तीन स्नातक युवाओं में से एक बेरोजगार है। जो युवा स्नातक और उससे ऊपर की योग्यता रखने वाले बेरोजगारों की संख्या 6 लाख 2 हजार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पढ़ा लिखा काबिल युवा बेरोजगारी की चपेट में है, क्योंकि खट्टर सरकार प्रदेश में नौकरियों के अवसर पैदा करने में नाकाम है। उन्होंने खट्टर सरकार से 1.80 लाख खाली सरकारी पदों पर युवाओं को तुरंत नौकरी देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में हर साल साढ़े 5000 कर्मचारी रिटायर होते हैं, लेकिन नई भर्ती का आंकड़ा बहुत कम है। हरियाणा में आबादी के हिसाब से 9 लाख कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन नियमित कर्मचारियों की संख्या 3,38,921 है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 1 लाख 80 हजार पद खाली पड़े हैं और खट्टर सरकार ने अप्रैल 2023 से 13 हजार पदों को रद्द कर दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हरियाणा में आबादी के हिसाब से 10 हजार डॉक्टर होने चाहिए, लेकिन अभी प्रदेश में 4000 ही डॉक्टर हैं। 6 हजार पद खाली पड़े हैं। एमडी के 241 पदों में से 191, महिला रोग विशेषज्ञ के 193 में से 98, इनस्थेटिक्स के 231 में से 131, बाल विशेषज्ञ के 146 में से में 81 और सर्जन के 143 में से 68 पद खाली पड़े हैं।
सीवाईएसएस प्रदेश अध्यक्ष आयुष खटकड़ ने कहा कि खट्टर सरकार पहले तो प्रदेश की जनता को उनके अधिकार नहीं देती। जब वो लड़ाई लड़ते हैं तो सरकार उनपर दमनकारी नीति अपनाती है। उन्होंने आरोप लगाया की सत्ता और विपक्ष पर सांठगांठ करके इस सदन को ऐसे ही खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां से अभी तक पानी नहीं उतरा है। उन इलाकों के लिए सरकार मुआवजा जारी करे और वहां से पानी निकालने का प्रबंध करे। इसके अलावा प्रदेश की सड़कों का बुरा हाल हैं। उन्होंने सरकार से सदन में नूंह हिंसा पर भी चर्चा करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है व्यापारियों को फिरौती की धमकी मिल रही हैं। प्रदेश में आपराधियों का बोलबाला है। ऐसे में कैसे प्रदेश में उद्योग आएंगे, कैसे युवाओं को रोजगार मिलेगा, कैसे प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो पाएगी और कैसे प्रदेश व देश को नंबर एक बनाने का संकल्प और सपना पूरा हो पाएगा। उन्होंने खट्टर सरकार से विधानसभा सदन में जनता के मुख्य मुद्दों पर जवाब देने की मांग की।