Aadhaar Card Date of Birth Proof: उत्तर प्रदेश में अब आधार कार्ड (Aadhaar Card) को जन्मतिथि (Date of Birth) के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार के इस ताजा फैसले ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे लाखों लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के निर्देश का हवाला देते हुए यूपी सरकार ने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड केवल पहचान और पते के सत्यापन के लिए मान्य है, इसे जन्मतिथि प्रमाणित करने वाला दस्तावेज नहीं माना जा सकता।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब जिले में एक लाख से अधिक लाभार्थियों की पेंशन फाइलें सिर्फ आधार कार्ड के भरोसे चल रही हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मिलने वाला पुष्टाहार भी आधार सत्यापन पर ही निर्भर है। इस नए नियम के लागू होने से इन सभी लाभार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।
सरकारी आदेश से मचा हड़कंप
नियोजन विभाग द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों को भेजे गए पत्र में साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि किसी प्रमाणित दस्तावेज पर आधारित नहीं होती, इसलिए इसे अब जन्मतिथि के वैध प्रमाण के रूप में स्वीकार न किया जाए। जन्मतिथि के सत्यापन के लिए अब जन्म प्रमाण पत्र, हाई स्कूल का प्रमाण पत्र या नगर पालिका व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए पारंपरिक दस्तावेजों को ही मान्यता दी जाएगी।
पेंशन योजनाओं पर सबसे बड़ा संकट
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर पेंशन योजनाओं पर पड़ने की आशंका है। वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंशन और विधवा पेंशन जैसी योजनाओं में अधिकांश लाभार्थियों ने आवेदन के लिए आधार कार्ड का ही इस्तेमाल किया है। अब इन सभी की पात्रता की जांच और नवीनीकरण की प्रक्रिया नए नियमों के कारण प्रभावित हो सकती है। जिले में लाखों पेंशन लाभार्थी इस असमंजस में हैं कि अब उनका क्या होगा।
बच्चों के पुष्टाहार और अन्य योजनाओं पर भी असर
सिर्फ पेंशन ही नहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार प्राप्त करने वाले करीब 1.5 लाख बच्चों का आधार सत्यापन भी इसी पर निर्भर है। कृषि विभाग और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में भी अब तक आधार को जन्मतिथि का प्रमाण माना जाता रहा है। ऐसे में, जिले के अधिकांश लाभार्थियों के लिए जन्म प्रमाण पत्र या हाई स्कूल का प्रमाण पत्र जैसे वैकल्पिक दस्तावेज उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर ग्रामीण और कम पढ़े-लिखे वर्ग के लिए।
अधिकारियों का क्या कहना है?
इस पूरे मामले पर जिला प्रोबेशन अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि अभी शासन से कोई विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि पुराने आवेदनों का क्या होगा और नए आवेदनों में जन्मतिथि का सत्यापन कैसे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन से आदेश मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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आधार कार्ड अब जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में मान्य नहीं होगा।
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यूपी सरकार ने UIDAI के पत्र का हवाला देकर जारी किया निर्देश।
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जन्म प्रमाण पत्र, हाई स्कूल सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज होंगे मान्य।
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एक लाख से अधिक पेंशन लाभार्थियों और 1.5 लाख बच्चों के पुष्टाहार पर संकट।
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अधिकारी अभी विस्तृत दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।






