नई दिल्ली 28 दिसंबर (The News Air): भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके नाम पर एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में शुक्रवार को जानकारी दी। स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान आवंटित करने और एक ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
केंद्र ने कांग्रेस की मांग मानी : गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए जमीन उपलब्ध कराएगी। इससे पहले, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति असंवेदनशीलता का आरोप लगाया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और स्मारक का निर्माण एक ऐसे स्थान पर हो, जो उनकी विरासत को सम्मानित कर सके। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इसे लेकर ट्वीट किया था।
मनमोहन सिंह: एक महान नेता : डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। देश की आर्थिक सुधारों की नींव रखने वाले सिंह को उनके शांत और प्रभावशाली नेतृत्व के लिए याद किया जाता है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने लिखा: “पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में एक विशेष स्थान पर अंतिम संस्कार किया जाए, जहाँ उनकी स्मृति को संजोने के लिए स्मारक बनाया जा सके। इससे युवा पीढ़ी को उनके योगदान से प्रेरणा मिलेगी।”
स्मारक के लिए राजघाट पर स्थान की मांग : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रताप सिंह बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि स्मारक राजघाट जैसे स्थान पर बनाया जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की समाधि की परंपरा का सम्मान होना चाहिए।
राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार : शनिवार को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप : इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि स्मारक के लिए जमीन आवंटित करने में देरी जानबूझकर की जा रही है। वहीं, भाजपा ने इसे राजनीति से प्रेरित कहा और कांग्रेस पर इस विषय का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
स्मारक निर्माण का महत्व : स्मारक निर्माण का उद्देश्य डॉ. मनमोहन सिंह के व्यक्तित्व, उनके कार्यकाल और उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। यह स्मारक न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देगा, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेने का माध्यम भी बनेगा।
डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक उनके योगदान का सम्मान है। यह निर्णय न केवल उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है, बल्कि देश में पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए सम्मान की परंपरा को भी आगे बढ़ाता है।