The News Air: मकान मालिक के किराया बढ़ा देने की वजह से बेंगलुरु के एक परिवार को घर खाली करने को मजबूर होना पड़ा है। मकान मालिक ने किराया 18,000 रुपये बढ़ा दिया। उसके बाद उसने परिवार को ऑप्शंस दिए- बढ़ा हुआ किराया चुकाओ या घर खाली कर दो। परिवार ने घर छोड़ने का फैसला किया। यह परिवार 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट हो गया है। 36 साल के अनवेषा चक्रवर्ती ने लॉकडाउन के दौरान अगस्त 2020 में बेलंदूर में 3 कमरे का घर लिया था। तब उनकी पत्नी गर्भवती थीं। इस घर का किराया 25,000 रुपये प्रति माह था। मकान मालिक और किराएदार के बीच हर साल किराया 1,000 रुपये बढ़ाने पर सहमति बनी थी।
वर्क फ्रॉम होम खत्म होने का असर
2022 की शुरुआत में कोरोना की महामारी कमजोर पड़ने के बाद कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करने के निर्देश देने शुरू कर दिए। इससे बेंगलुरु में किराए बहुत बढ़ने शुरू हो गए। चक्रवर्ती ने किराया बढ़ाकर 35,000 रुपये कर दिया। एक ओटीटी ऑडियो प्लेटफॉर्म में करने वाले चक्रवर्ती ने बताया, “इससे पहले हमने एग्रीमेंट रिन्यू किया था। हमने 5 फीसदी ज्यादा किराया के हिसाब से 27,000 रुपये प्रति माह देना शुरू किया था।” उन्होंने कहा कि बाद में किराए बढ़ने पर ऐसे घर का किराया 45,000 रुपये पहुंच गया।
ज्यादा किराया डिमांड कर रहे मकान मालिक
उन्होंने कहा कि हमें मकान मालिक ने बढ़ा हुआ किराया चुकाने या घर खाली कर देने को कहा। चक्रवर्ती के साथ उनकी सास और श्वसुर भी रहते थे। उनका बेटा भी बहुत छोटा है। लेकिन, मकान मालिक के दबाव बनाने के बाद उन्होंने नया फ्लैट तलाशना शुरू कर दिया। उन्हें बाद में पता चला कि उनके मकान मालिक ने प्रति माह 45,000 किराए पर फ्लैट किसी को दे दिया है। चक्रवर्ती ने कहा कि मकान मालिक ने इसे शेयरिंग बेसिस पर ऑफर किया था, जिससे उसे जल्द किराएदार मिल गए।
सैकड़ों परिवार को हो रही दिक्कत
चक्रवर्ती का परिवार ऐसे सैकड़ों परिवार में से एक है, जिन्हें पिछले एक साल में फ्लैट के किराए दोगुना हो जाने की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फॉर्म एनरॉक के रिसर्च हेड प्रशांत ठाकुर ने कहा कि किराया अब बहुत बढ़ गया है। कोरोना की महामारी कमजोर पड़ने के बाद लोग ऑफिस लौटने लगे हैं। इससे मकानमालिक कोरोना की महमारी के दौरान हुए अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं।