चंडीगढ़ (The News Air) खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की धरपकड़ के लिए जारी मुहिम के तहत काबू किए गए लोगों के परिजन हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। पंजाब पुलिस ने इस मामले में 207 आरोपियों को काबू किया है। पंजाब सरकार द्वारा इनमें से कुछ आरोपियों को असम के डिब्रुगढ़ भेजा गया है। लेकिन कई लोग ऐसे हैं, जिनकी स्थिति बारे कुछ भी पता नही चल पा रहा है कि वे कहां हैं। आरोप हैं कि कई लोगों को काबू कर पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश करने के बजाय अपनी हिरासत में रखा है।
मामले के करीब एक दर्जन आरोपियों के परिजनों द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर गई है। यह सिलसिला लगातार जारी है। याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट से उनके अपनों की तलाश की मांग की है। सभी मामलों की याचिकाएं एडवोकेट सिमरनजीत सिंह के माध्यम से दायर की गई हैं।
पंजाब पुलिस द्वारा फिल्म एक्टर दलजीत कलसी को काबू किया गया है। अमृतपाल सिंह के ड्राइवर हरमेल सिंह और मीडिया कॉर्डिनेटर गुरी औजला समेत कुल 207 आरोपियों को काबू किया गया है।
177 आरोपियों को छोड़ 30 पर सख्त कार्रवाई
IGP हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने हालही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केवल 30 लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अन्य 177 आरोपियों को प्रिवेंटिव एक्शन के बाद छोड़ दिया जाएगा। सवाल उठ खड़े हुए हैं कि जब 177 लोगों ने कुछ किया ही नहीं था तो उन्हें निराधार किन कारणों के चलते पकड़ा गया, जो कई दिन बाद छोड़ने की घोषणा भर की गई है। साथ ही जिन 30 लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, उन सभी का कसूर क्या है। कुछ आरोपियों पर NASA एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है।
28 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई
हाई कोर्ट द्वारा दायर सभी याचिकाओं पर 28 मार्च को सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं के वकील सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने काबू किया है, उनके परिवारों को पुलिस ने सूचना तक नहीं दी है। जबकि कानूनन गिरफ्तार/हिरासत में लेने के 24 घंटे के अंदर आरोपियों को कोर्ट में पेश करना अनिवार्य होता है और उनके परिवार को भी सूचना देनी होती है।