पटना, 12 मार्च (The News Air)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लंदन से वापसी के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि 15 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है।
यहां विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री बन सकते हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कुल 9 मंत्री हैं। इनमें 2 उपमुख्यमंत्री (सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा) हैं। दोनों भाजपा के हैं। इनके अलावा भाजपा के डॉ। प्रेम कुमार, जदयू के विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, हम के संतोष कुमार सुमन तथा निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शपथ ले चुके हैं। बताया जा रहा है कि 14 मार्च तक विधान परिषद के 11 सीटों के चुनाव की औपचारिकता पूरी हो जाएगी।
इसके बाद कैबिनेट विस्तार होगा। इस बीच एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग भी तय हो जाएगा। वहीं, 27 मंत्रियों का जगह खाली है। संभव है कि कुछ पद खाली रखे जाएं। सूत्रों के अनुसार विधान परिषद चुनाव का परिणाम जारी होने के बाद नीतीश कुमार कैबिनेट का विस्तार कर देंगे। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
सूत्रों की मानें तो नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा की ओर से एक बार फिर से सभी को चौंकाते हुए नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधते हुए कई नए चेहरों को मौका दे सकती है। वहीं जदयू की ओर से एक बार फिर अपने पुराने चेहरों को ही मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की काफी अटकलें लगाई जा रही हैं।
चर्चा है कि जदयू कोटे से उन सभी नेताओं को फिर से मौका मिल सकता है, जो महागठबंधन सरकार में मंत्री थे। हालांकि, इस बार कई मंत्रियों के विभाग में परिवर्तन किया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में कई मंत्रियों के पास आधा-आधा दर्जन से अधिक महकमों का प्रभार है। इससे काम की गति प्रभावित हो रही है।
विपक्ष लगातार इसको लेकर सरकार पर हमलावर रहा है। बता दें कि एनडीए सरकार गठन के 7 वें दिन मुख्यमंत्री ने विभागों का बंटवारा किया था। पार्टियों के हिसाब से भाजपा कोटे में 23 और जदयू कोटे में 19 विभाग हैं। हम (से।) को 2 तथा निर्दलीय सुमित कुमार को 1 विभाग मिला है।