नई दिल्ली, 8 मार्च (The News Air) : भारतीय सेना स्पोर्ट्स में प्रतिभाशाली लड़कियों को मौका देने के लिए आर्मी गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनी ( AGSC) बना रही है। चरणबद्ध तरीके से लड़कियों की दो स्पोर्ट्स कंपनी बनाई जाएगी। सेना के दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इसके लिए चिन्हित किए गए हैं। महू में आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे। अगले महीने यानी अप्रैल में AGSC पूरी तरह काम करने लगेगा।
चैंपियन बनने के लिए किया जाएगा ट्रेंड : इसमें युवा प्रतिभा की पहचान की जाएगी, उन्हें फॉर्मल एजुकेशन देने के अलावा अन्य प्रशासनिक जरूरतें पूरी की जाएगी और उन्हें उनके खेल में चैंपियन बनाने के लिए ट्रेंड किया जाएगा। भारतीय सेना के पास लड़कों की स्पोर्ट्स कंपनियों की सफलता का उदाहरण है, जो अलग अलग खेलों में कई मेडल जीत चुके हैं। सेना के मुताबिक AGSC युवा लड़कियों को शूटिंग, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग और वेटलिफ्टिंग में ट्रेनिंग देगी। महू और पुणे के इन दो सेंटर में वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर हैं, स्पोर्ट मेडिसिन सेंटर है और इस खेलों से संबंधित कोचिंग देने की सुविधा है। यहां चुनी गई लड़कियों को सीनियर आर्मी टीम और एथलीट्स के अनुभव का भी लाभ मिलेगा क्योंकि वे भी यहीं ट्रेनिंग करते हैं।
सेना में मिलेगी डायरेक्ट एंट्री : वरिष्ठ खिलाड़ी इन युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत होंगे और उनके अनुभव से वे सीख भी सकेंगे। AGSC की लड़कियां अग्निवीर के साथ ही नॉन कमिशंड ऑफिसर (एनसीओ), और जूनियर कमिशंड ऑफिसर (जेसीओ) में भर्ती के लिए डायरेक्ट एंट्री की पात्र भी होंगी।
सूबेदार प्रीति की कहानी जानिए : ट्रैप शूटर चैंपियन और एशियन गेम्स में सिल्वर मेडलिस्ट सुबेदार प्रीति राजक को एक प्रतिभा के रूप में पहचाना गया और दिसंबर 2022 में मिलिट्री पुलिस कोर में हवलदार के तौर पर इनरोल किया गया था। जनवरी 2024 में उन्हें सूबेदार बनाया गया और इस पद पर पदोन्नति पाने वाली वह पहली महिला सिपाही हैं।