मुंबई, 5 मार्च (The News Air) महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो फाड़ होने के बाद से बारामती लोकसभा सीट सुर्खियों में है। इस सीट पर पहली बार पवार परिवार में बीच राजनीतिक संघर्ष होने की उम्मीद है। ऐसे में इस सीट पर बेटी सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने बड़ा दांव चल दिया है। अगर शरद पवार का दांव सही पड़ा तो महायुति गठबंधन के प्रत्याशी को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है। भतीजे अजित पवार की बगावत और फिर बारामती से अपनी प्रत्याशी उतारने के ऐलान के बाद शरद पवार ने बड़ा दांव खेलते हुए राष्ट्रीय समाज पक्ष (RSPS) की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
क्याें MJ कार्ड खेल रहे हैं पवार? : अगर राष्ट्रीय समाज पक्ष के प्रमुख महादेव जगन्नाथ जानकर (MJ Jankar) अगर शरद पवार के साथ आते हैं तो सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित हो जाएगी। अभी राष्ट्रीय समाज पार्टी (रासपा) महायुति में शामिल है। शरद पवार ने रासपा के प्रमुख और पूर्व मंत्री महादेव जानकार को माढा लोकसभा सीट देने का ऑफर दिया है। अगर शरद पवार का MJ फैक्टर काम करता है तो वह बारामती का गढ़ सेफ कर ले जाएंगे। रासपा को पहले के चुनावों में बारामती सीट पर काफी वोट मिलते आए हैं। इतना ही नहीं रासपा कैंडिडेट के तौर पर 2014 के चुनावों में महेश जानकार ने काफी अच्छी टक्कर दी थी। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर बारामती में सुप्रिया सुले की हार होती है तो इस शरद पवार की हार के तौर पर देखा जाएगा। रासपा का धनगर कम्युनिटी पर काफी प्रभाव है। अगर रासपा प्रमुख पवार के साथ आते हैं तो सुप्रिया सुले की सीट सेफ हो जाएगी।
रिजल्ट बदल सकती है रासपा : 2014 के चुनावों में सुप्रिया सुले को कुल 5.21 लाख वोट मिले थे, जोकि कुल 48.88 फीसद थे, तो वहीं रासपा प्रमुख महादेव जानकर को 4.51 लाख वोट मिले थे, जो 42.35 फीसदी थे। 2014 के चुनावों में इस सीट पर बीजेपी ने रासपा को सपोर्ट किया था। मुख्य मुकाबला एनसीपी और रासपा में हुआ था। 2009 के चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी के होने के बाद रासपा उम्मीदवार को 14,912 वोट मिले थे। इतना ही नहीं 2004 के लोकसभा चुनाव में रासपा को 30,230 वोट हासिल हुए थे। भतीजे अजित पवार से मिली चुनौती के बाद अब पवार ने महादेव जानकार की तरफ हाथ बढ़ाया है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अभी तीन बार इस सीट से जीत हासिल कर चुकी हैं।
माढा सीट का क्यों दिया ऑफर? : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने अपने इस दांव से बीजेपी को मुश्किल में डाला दिया है। माढा सीटा पर बीजेपी का कब्जा है। अब सवाल खड़ा हो रहा है क्या बीजेपी महादेव जानकार को साथ रखने के लिए यह सीटे छोड़ेगी। पवार ने यह दांव बहुत चतुराई से खेला है। महादेव जानकार माढा सीट से लोकसभा पहुंचने का सपना देखते आए हैं। वे 2009 में यहां से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन तब उन्हें शरद पवार के सामने हार का सामना करना पड़ा था। महादेव जानकर को तब 98 हजार वोट मिले थे। 2014 में भी इस सीट से एनसीपी को जीत मिली थी। 2019 में चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया था।