उपराज्यपाल महोदय के पवित्र कार्यालय पर एक धब्बा है यह चिट्ठी : सौरभ भारद्वाज
उप राज्यपाल महोदय ने जबरदस्ती भाजपा के 10 लोगों को मनोनीत पार्षद नियुक्त किया : सौरभ भारद्वाज
उपराज्यपाल महोदय ने ग़लत बोला कि जल बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम कागजों पर नहीं है : सौरभ भारद्वाज
13 जून 2023 को जल बोर्ड की बोर्ड मीटिंग में यह वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पास हुई : सौरभ भारद्वाज
15 फरवरी 2024 को दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल महोदय के साथ इस बिल को लेकर चर्चा भी हुई थी : सौरभ भारद्वाज
जानबूझकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को ठप करने के लिए विकास कार्यों को रोका जा रहा है : सौरभ भारद्वाज
अगर यह ट्रान्सफर्ड सब्जेक्ट है और सारा कंट्रोल दिल्ली सरकार के पास है तो केंद्र सरकार नया अमेंडमेंट बिल क्यों लेकर आई थी : सौरभ भारद्वाज
अगर यह उपराज्यपाल महोदय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, तो दिल्ली के बाजारों में और बुराड़ी और किराड़ी विधानसभा में किस अधिकार से विकास कार्यों के निर्देश जारी किए : सौरभ भारद्वाज
प्रॉपर्टी टैक्स माफी योजना का उपराज्यपाल महोदय ने खुद ऐलान किया था तो उसी तरह की आज पानी के बिलों की माफी योजना को क्यों रोक रहे हैं : सौरभ भारद्वाज
उपराज्यपाल ने फरिश्ते योजना, बुजुर्ग महिलाओं की पेंशन, डाक के तहत इलाज करने की योजना, जल बोर्ड का फंड रोकने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की : सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली, 29 फरवरी (The News Air) दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान संबोधन करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को लिखी गई एक चिट्ठी की प्रति दिखाते हुए, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह चिट्ठी जिसने भी लिखी है, बेहद ही घटिया भाषा का इस्तेमाल किया है और यह चिट्ठी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित चिट्ठी है I उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूँ कि उपराज्यपाल महोदय के द्वारा खुद एक राजनीतिक चिट्ठी लिखते समय एक संवैधानिक मर्यादित पद की गरिमा को आघात पहुंचाने की दुहाई दी गई है I उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल महोदय का कार्यालय जिसे एक पवित्र कार्यालय माना जाता है, से आई यह चिट्ठी उस पवित्र कार्यालय पर एक धब्बा है I
उन्होंने कहा कि मैं एक राजनीतिक आदमी हूं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी भी एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और इस विधानसभा में बैठे नेता विपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी जी भी एक राजनीतिक व्यक्ति हैं I यदि मैं ऐसी कोई चिट्ठी रामवीर सिंह विधूड़ी जी को लिखूं या रामवीर सिंह विधूड़ी जी ऐसी कोई चिट्ठी हमारे लिए लिखें तो यह बात समझ आती है I परंतु उपराज्यपाल महोदय के द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के लिए इतनी गंदी भाषा में लिखी गई यह चिट्ठी संविधान में कतई स्वीकार नहीं की जा सकती I उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी में उपराज्यपाल महोदय के द्वारा यह बात कही गई है, कि मुझ पर यह गलत आरोप लगाए जाते हैं कि उपराज्यपाल कार्यालय भारतीय जनता पार्टी के निर्देशानुसार चलता है I इस बात को सत्य बताते हुए और इस संबंध में तथ्य प्रस्तुत करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह बात बिल्कुल सही है, जिसका पहला सबूत यह है, कि हमेशा से ही दिल्ली नगर निगम में जो मनोनीत पार्षद चुने जाते हैं, वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा तय किए जाते हैं I पहली बार ऐसा हुआ कि उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली नगर निगम के चुनाव के बाद दिल्ली सरकार की सहमति के बगैर जबरदस्ती अपने 10 लोगों को मनोनीत पार्षद नियुक्त कर दिया और यह दस के दस लोग जिन्हें उपराज्यपाल महोदय ने मनोनीत पार्षद नियुक्त किया, वह सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता निकले I अगर यह झूठ है तो राज्यपाल महोदय बताएं कि वह इन 10 लोगों को किस प्रकार से जानते हैं और उन्हें यह 10 लोगों के नाम कहां से मिले और किस आधार पर उपराज्यपाल महोदय ने इन लोगों को मनोनीत पार्षद नियुक्त किया I
इस संबंध में एक अन्य साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय ने यह 10 मनोनीत पार्षद को उन ज़ोन में नियुक्त किया, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी को अपने नंबर बढ़ाने की आवश्यकता थी I आंकड़े बताते हुए उन्होंने कहा कि नरेला में भाजपा को चार निगम पार्षद की आवश्यकता थी उपराज्यपाल महोदय ने वहां पर चार मनोनीत पार्षद दिए, इसी प्रकार सिविल लाइंस मैं भाजपा को चार पार्षदों की आवश्यकता थी वहां पर भी उपराज्यपाल महोदय ने चार मनोनीत पार्षद दिए और सेंट्रल जोन में दो पार्षदों की भाजपा को आवश्यकता थी, वहां उपराज्यपाल महोदय ने दो मनोनीत पार्षद दिए I उन्होंने कहा कि यह इस बात के सबूत हैं कि उपराज्यपाल महोदय पूरी तरह से एक राजनीतिक व्यक्ति हैं I
उपराज्यपाल की चिट्ठी में लिखी गई बात कि जल बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम कागजों पर है ही नहीं का विरोध करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि यह सरासर झूठ है, कि ऐसी कोई स्कीम कागजों पर नहीं है I उन्होंने कहा 13 जून 2023 में जल बोर्ड की बोर्ड मीटिंग में यह स्कीम पास की गई थी I परंतु जानबूझकर इस स्कीम को रोकने की कोशिश की जा रही है I उन्होंने कहा कि अधिकारी जानबूझकर इस स्कीम में कुछ बदलाव करने का हवाला देकर इस स्कीम को रोक कर बैठे हुए हैं और ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अधिकारियों पर उपराज्यपाल महोदय का दबाव है और उन पर केंद्र में बैठी भाजपा सरकार का दबाव है I उन्होंने कहा अभी कुछ दिन पहले ही इसी विधानसभा में उपराज्यपाल महोदय के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष अतिशी और मैं, हम तीनों लोगों ने बैठकर इसी विषय पर चर्चा की थी और उपराज्यपाल महोदय ने यह सुझाव दिया था, कि आप मुख्य सचिव को दोबारा यह स्कीम कैबिनेट में लाने के लिए लिखित निर्देश दीजिए और मैं भी उन्हें इसके लिए बोलता हूँ I तो जब खुद उपराज्यपाल महोदय ने यह सुझाव दिया था तो वह कैसे बोल सकते हैं, कि यह स्कीम कागजों पर है ही नहीं I इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण नजर आता है, कि भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती की दिल्ली के लाखों लोगों को राहत पहुंचाने वाली जल बोर्ड की यह वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू हो I
चिट्ठी में उपराज्यपाल महोदय द्वारा लिखी गई तीसरी बात कि शहरी विकास विभाग, जल बोर्ड और वित्त विभाग ट्रान्सफर्ड सब्जेक्ट है और यह तीनों दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में है और इससे मेरा क्या लेना देना है, का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि उपराज्यपाल महोदय का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है, तो 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार क्यों एक नया अमेंडमेंट एक्ट लेकर आई थी I 5 दिन पहले के उपराज्यपाल महोदय द्वारा किए गए एक ट्वीट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, कि यदि उनका इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है, तो वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों और एमसीडी के अधिकारियों को साथ लेकर कश्मीरी गेट, सेंट जेम्स चर्च, कमला मार्केट, अजमेरी गेट आदि की मार्केट में दौरा किस आधार पर कर रहे थे और किस आधार पर उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय से अखबारों को प्रेस रिलीज जारी की गई, कि मैंने निम्न निम्न कार्यों को करने के निर्देश जारी किए I उन्होंने कहा कि यह सभी बाजार और सड़कें तो एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के अधीन आते हैं और यह ट्रान्सफर्ड सब्जेक्ट है, तो किस आधार पर आपने उन जगहों पर भिन्न-भिन्न कार्य करने के निर्देश जारी किए I इसी प्रकार अपराज्यपाल महोदय दिल्ली सरकार के अधिकारियों को लेकर बुराड़ी में सीवर, सड़कों और नारियों का निरीक्षण करते घूम रहे थे और निर्देश जारी कर रहे थे, जबकि बुराड़ी के चुने हुए विधायक विधानसभा सत्र में बैठे हुए थे I उपराज्यपाल महोदय बताएं कि यदि यह सभी ट्रान्सफर्ड सब्जेक्ट हैं, तो किस अधिकार से उपराज्यपाल महोदय दिल्ली सरकार के अधिकारियों को लेकर बुराड़ी में घूम रहे थे और किस अधिकार से उन्होंने सरकारी अधिकारियों को सीवर, नालियों और सड़कों से जुड़े कार्य करने के निर्देश जारी किए I उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय खुले तौर पर झूठ बोल रहे हैं I एक तरफ तो कह रहे हैं, कि यह ट्रान्सफर्ड सब्जेक्ट है, मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और दूसरी और अखबारों में प्रेस रिलीज जारी कर रहे हैं, कि यह सभी कार्य मैं करवा रहा हूं I
उपराज्यपाल महोदय के संबंध में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण बिंदु सदन के समक्ष रखते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल जब समाप्त हुआ तो लगभग 1 साल तक नगर निगम का चुनाव नहीं हुआ I उस समय नगर निगम की जिम्मेदारी उपराज्यपाल महोदय के पास ही थी I उस समय उप राज्यपाल महोदय ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके प्रॉपर्टी टैक्स के संबंध में एक माफी योजना जारी की I उस माफी योजना के तहत उप राज्यपाल महोदय ने इस बात का ऐलान किया था, कि जिस भी व्यक्ति ने आज तक प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा है, वह पिछले 6 साल का प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर दे, बाकी सारा टैक्स माफ कर दिया जाएगा I उन्होंने कहा कि यदि उपराज्यपाल महोदय आज हमें इस बात का ताना दे रहे हैं, कि बाकी 27 लाख लोगों का बिल भी माफ कर दिया जाए, जिन्होंने अपने पानी के बिल भरे हैं उनको भी पैसा वापस लौटाया जाए, तो उस समय उपराज्यपाल महोदय ने किस आधार पर यह प्रॉपर्टी टैक्स माफी योजना निकाली थी I उस समय उपराज्यपाल महोदय ने क्यों नहीं उन लोगों के पैसे लौटाए थे जिन्होंने अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर दिया था I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय की यह शिकायत है, कि 2013 के बाद चुनाव जीतने से लेकर अब तक आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार हमेशा यही कहती रहती है, कि उपराज्यपाल काम नहीं करने दे रहे I उन्होंने कहा की वर्तमान उपराज्यपाल महोदय से पहले जितने भी उपराज्यपाल हुए उन्होंने हमें नई स्कीमें लाने और नए कामों को करने में बाधित किया, परंतु वर्तमान के उपराज्यपाल महोदय ने जिस प्रकार से इंसानियत को शर्मसार किया है, पहले किसी उपराज्यपाल ने नहीं किया I वर्तमान के उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाई गई फरिश्ते स्कीम जिससे कि हजारों लोगों की जान बचाई गई, उसे रोकने का काम किया जिसके लिये हम सुप्रीम कोर्ट गए हज I विधानसभा की रिपोर्ट है कि दिल्ली की बुजुर्ग महिलाओं की पेंशन को रोकने का काम किया I दिल्ली के हजारों युवा जिन्हें दिल्ली सरकार ने बस मार्शल के रूप में रोजगार दिया था, उनका रोजगार छीन लिया I अस्पतालों में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हजारों युवाओं को नौकरी से निकालकर उनका रोजगार छीन लिया I ऐसे विभिन्न काम वर्तमान के उपराज्यपाल महोदय ने किये ये विधानसभा की रिपोर्ट मे आया हैI उन्होंने कहा कि हम इस बात को बेशक कहते हैं कि उपराज्यपाल महोदय काम नहीं करने दे रहे, क्योंकि उपराज्यपाल के कार्यालय से हमारे तमाम कार्यों में बढ़ायें लगाई जाती हैं I उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अपराज्यपाल महोदय के कहे अनुसार कार्य करते हैं उन लोगों के खिलाफ मंत्री द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती, जबकि जो अधिकारी दिल्ली सरकार की योजनाओं पर अच्छी तरह से काम करते हैं, उनको बेवजह सस्पेंड कर दिया जाता है उनको उनके पद से हटा दिया जाता है I






