नई दिल्ली 9 फरवरी (The News Air) केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को तीन और लोगों को भारत रत्न के लिए चुना। इसमें पूर्व पीएम नरसिम्हा राव, हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन अय्यर और पूर्व पीएम और किसान नेता चौधरी चरण सिंह का नाम शामिल है। कुछ दिन पहले बिहार के पूर्व सीएम कर्पुरी ठाकुर और भाजपा नेता औप पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी को भी इसी साल भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल की बात करें तो सरकार ने 10 लोगों को भारत रत्न के लिए चुन चुकी है। इसमें 5 को भारत रत्न दिया जा चुका है और बाकी को देना बाकी है। ये तो हो गया अब तक का अपडेट। अब देश के सर्वोच्च सम्मान के बारे में थोड़ी जानकारी देते हैं।
कब से शुरू हुई यह व्यवस्था और किसे मिला पहला सम्मान? : देश में भारत रत्न राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को यह सम्मान दिया जाता है। देश में भारत रत्न देने की शुरुआत देश की आजादी के बाद ही हुई। भारत में इस सर्वोच्च सम्मान को देने की परंपरा 2 जनवरी 1954 से शुरू हुई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने इसकी शुरुआत की थी। सबसे पहले साल 1954 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालचारी, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णनन और डॉक्टर चंद्रशेखर वेंक रमन को दिया गया था। साल 1954 तक ऐसी व्यवस्था थी कि सिर्फ जीवित लोगों को भारत रत्न दिया जाता था। लेकिन 1955 के बाद से मरणोपरांत भी ये दिया जाने लगा।
कैसे चुना जाता है भारत रत्न? : भारत रत्न और पद्म पुरस्कार चुनने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। भारत रत्न में पीएम किसी के भी नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकते हैं। इसे हाल के चुने गए लोगों से समझा जा सकता है। पीएम मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी, कर्पुरी ठाकुर, पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह और वैज्ञानिक स्वामीनाथन अय्यर का नाम राष्ट्रपति को सुझाया है। इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती। हर साल भारत रत्न के लिए लोग चुने जाएं यह जरूरी नहीं है। हर साल अधिकतम 3 भारत रत्न दिए जा सकते हैं। हालांकि इस बार एकसाथ 5 लोगों को इसके लिए चुना गया है।
अब तक कितने लोगों को मिल चुका सम्मान?: अब तक कुल 53 लोगों को भारत रत्न के लिए चुना जा चुका है। 2024 से पहले आखिरी बार 2019 में अंतिम बार भारत रत्न दिया गया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अंतिम बार यह सम्मान दिया गया था। इसके अलावा भूपेंद्र हजारिका, नानाजी देशमुख को भी उस साल सम्मान दिया गया था।
कैसा दिखता है मेडल : भारत रत्न का मेडल दिखने में कैसा लगता है इसके बारे में जानते हैं। भारत रत्न का मेडल तांबे का बना होता है। जिसमें पीपल का पत्ता और उसपर प्लैटिनम का चमकता हुआ सूर्य बना रहता है। पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है। इसके ठीक नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। इसके पीछे की तरफ अशोक स्तंभ होता है जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होता है।
भारत रत्न पाने वालों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? : भारत रत्न पाने वालों को एक मेडल के साथ प्रमाणपत्र दिया जाता है। लेकिन सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है। भारत रत्न पाने वालों को रेलवे की ओर से मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है। ऐसे लोग सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए जाते हैं। राज्य सरकारें भी अपने प्रदेश से संबंधित लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।